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आधार कार्ड की कानूनी वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात, खारिज की रिव्यू पिटीशन

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने 2018 में दिये अपने उस फैसले की समीक्षा करने के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें केन्द्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध बताया गया था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : January 20, 2021 18:32 IST
Supreme Court rejects pleas seeking review of 2018 Aadhaar verdict- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Supreme Court rejects pleas seeking review of 2018 Aadhaar verdict

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने 2018 में दिये अपने उस फैसले की समीक्षा करने के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें केन्द्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध बताया गया था। पीठ के पांच न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने आधार फैसले की समीक्षा के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज करने संबंधी बहुमत वाले आदेश से असहमति जताई। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता आगे भी बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर दिए गए अपने फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में पहले भी आधार की अनिवार्यता को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि ये संवैधानिक तौर पर वैध नहीं है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था।

जस्टिस चंद्रचूड़ का मत रहा अलग

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को रिव्यू करने के लिए कई याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिन्हें बुधवार (20 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की, जिनमें से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आधार की संवैधानिक वैधता को लेकर आपत्ति जताई जबकि बाकी चार जजों ने फैसला आधार के पक्ष में रखा और 4:1 के बहुमत से रिव्यू पिटीशंस (समीक्षा याचिका) को खारिज कर दिया गया। जस्टिस चंद्रचूड़ के अलावा बेंच में जस्टिस एएम खानविलकर, अशोक भूषण, एस अब्दुल नजीर और बीआर गवई शामिल थे। इन चारों जजों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का रिव्यू नहीं होना चाहिए।

जानिए 2018 में कोर्ट ने क्या कहा था

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर 26 नवंबर 2018 को अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब आधार की कानूनी वैधता को बरकार रखा था, लेकिन आधार एक्ट के कई प्रावधानों में बदलाव करने की बात कही गई। कोर्ट ने बैंक अकाउंट, मोबाइल से आधार लिंक करने को जरूरी नहीं बताया था।

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