उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र की ओर से हाल में जारी आधार अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर पहले उच्च न्यायालय का रूख करे। न्यायमूर्ति एस. ए. बोबड़े और न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर की पीठ ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर अभी कुछ नहीं कह रहे हैं और वे इस मामले में पहले उच्च न्यायालय के विचार जानना चाहेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के विचारों का लाभ लेना चाहेंगे।’’ यचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव होगा। इसलिए न्यायालय को इसपर सुनवाई करनी चाहिए।
पीठ ने हालांकि याचिकाकर्ता को अर्जी वापस लेने और इस संबंध में उच्च न्यायालय का रूख करने की आजादी दे दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन मार्च को आधार अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए थे। यह मोबाइल फोन का सिम कार्ड लेने और बैंक में खाते खुलवाने के लिए आधार कार्ड के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देता है।