Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. भैंसो की दौड़ ‘कंबाला’ पर अंतरिम रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, PETA ने दी है याचिका

भैंसो की दौड़ ‘कंबाला’ पर अंतरिम रोक से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, PETA ने दी है याचिका

PETA ने पशुओं के साथ क्रूरता का हवाला देते हुए आगामी कंबाला आयोजन का विरोध किया है...

Reported by: Bhasha
Published on: February 12, 2018 17:34 IST
Representational Image | PTI- India TV Hindi
Representational Image | PTI

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में होने वाली भैंसों की दौड़ ‘कंबाला’ के आयोजन पर अंतरिम रोक लगाने से सोमवार को इंकार कर दिया। पशुओं के अधिकार के लिए कार्यरत समूह ‘पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स’ (PETA) ने इस दौड़ पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है। कोर्ट ने कहा है कि PETA की याचिका पर अब 12 मार्च को अंतिम सुनवाई की जाएगी। PETA की ओर से सीनियर ऐडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि कंबाला को अनुमति देने वाले राज्य के अध्यादेश की अवधि समाप्त हो गई है और वर्तमान में भैंसों की दौड़ की कोई कानूनी मंजूरी नहीं है।

त्योहार के लिए रास्ता बनाने की खातिर राज्य के मंत्रिमंडल ने पिछले साल 28 जनवरी को पशुओं पर क्रूरता की रोकथाम कानून (1960 का केंद्रीय कानून 59) में संशोधन का निर्णय किया था। उत्तर कर्नाटक और उडूपी तथा दक्षिण कन्नड़ के तटीय जिलों में भैंसा गाड़ी दौड़ होती है। इसे कंबाला दौड़ कहा जाता है। इसका आयोजन नवंबर से मार्च के बीच किया जाता है। इसमें 2 भैंसों को एक हल के साथ बांध दिया जाता है और एक व्यक्ति उनको हांकता है। प्रतियोगिता में इन भैंसा गाड़ियों को समानान्तर ट्रैक पर दौड़ाया जाता है और सबसे तेज दौड़ने वाली भैंसा गाड़ी विजेता होती है। माना जाता है कि इस दौड़ के माध्यम से अच्छी फसल के लिए ईश्वर को प्रसन्न किया जाता है।

PETA ने पशुओं के साथ क्रूरता का हवाला देते हुए आगामी कंबाला आयोजन का विरोध किया है। इस खेल पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करते हुए PETA ने कहा है कि आंदोलनकारी जल्लीकट्टू समर्थकों की देखादेखी ऐसा कर रहे हैं। पूर्व में, एक अन्य पशु अधिकार निकाय ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एनीमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन्स’ (FIAPO) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उस विधेयक को चुनौती दी थी जिसमें कर्नाटक में परंपरागत भैंसा दौड़ को कानूनी रूप दिए जाने का प्रावधान है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement