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जानें, रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

आपको बता दें कि रोहिंग्या शरणार्थियों ने केंद्र सरकार के उस फैसले के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत में अपील की है जिसमें उन्हें भारत से वापस भेजने की बात कही गई है...

Written by: India TV News Desk
Published on: October 13, 2017 17:19 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Supreme Court | AP Photo

नई दिल्ली: रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत में रहने देने या फिर वापस भेजे जाने के मसले पर चल रही सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर तक के लिए टाल दिया है। देश की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को अपने तर्क तैयार करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा जरूरी है लेकिन पीड़ित महिलाओं एवं बच्चों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मानवीय मूल्य हमारे संविधान का आधार है। कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और आर्थिक हितों की रक्षा जरूरी है लेकिन पीड़ित महिलाओं और बच्चों की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह अगली सुनवाई तक रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने का फैसला न ले। आपको बता दें कि रोहिंग्या शरणार्थियों ने केंद्र सरकार के उस फैसले के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत में अपील की है जिसमें उन्हें भारत से वापस भेजने की बात कही गई है।

इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा समेत तीन जजों की पीठ कर रही है। इस पीठ में मिश्रा के अलावा जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि यह मामला कार्यपालिका का है और कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सरकार ने इस हलफनामे में कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और इन्हें भारत में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

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