नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश सरकार को 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को लेकर अपने अंतिम फैसले के बारे में 24 जून को सूचित करने के लिए कहा है। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर परीक्षा के आयोजन के कारण कोई भी मौत होती है तो उसके लिए राज्य सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जज ने कहा कि "अगर एक भी मौत हुई तो हम राज्य को जिम्मेदार ठहराएंगे।"
सुप्रीम कोर्ट ने यह तब कहा जब राज्य सरकार की ओर से वकील ने बताया कि "हमें लगता है कि हम परीक्षा आयोजित करने में सक्षम होंगे। हमने जुलाई के पहले सप्ताह के लिए फैसला टाल दिया है।" पीठ ने पूछा, "क्या होगा अगर आप जुलाई में परीक्षा आयोजित करने में असमर्थ रहते हैं तो? अन्य राज्यों की तरह अब यह निर्णय क्यों नहीं लेते?" पीठ ने अगले दो दिन में परीक्षा के आयोजन पर अंतिम फैसला लेकर कोर्ट को सूचित करने के लिए कहा है।
CBSE, ICSE की असेसमेंट स्कीम को SC से मिली हरी झंडी
इससे पहले मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE द्वारा बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया और इन बोर्ड्स की असेसमेंट स्कीम को भी हरी झंडी दे दी। सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए वकील विकास सिंह ने कहा कि 'जो छात्र परीक्षा देना चाहते हैं, उनकी असेसमेंट करने से पहले ही उन्हें एग्ज़ाम देने का विकल्प दिया जाना चाहिए। उनकी असेसमेंट नहीं की जानी चाहिए।'
इस पर जज ने कहा कि 'फिर उनके पास तो सिर्फ़ एक ही विकल्प बचेगा। ये स्टूडेंट्स के साथ अन्याय होगा।' जज ने कहा कि 'CBSE ने कहा है कि अगस्त-सितम्बर में उन स्टूडेंट्स के एग्ज़ाम होंगे, जो देना चाहते हैं और अक्टूबर में नतीजे घोषित होंगे।'
यहां विकास सिंह ने कहा कि 'लेकिन तब तक बहुत देरी हो चुकी होगी। छात्रों का एक साल ख़राब हो जाएगा।' सिंह ने कहा कि 'तब तक तीसरी लहर आ सकती है। अभी कम केस हैं, अभी एग्ज़ाम हो सकते हैं।'
सुनवाई के दौरान AG ने कहा कि '31 जुलाई को CBSE के नतीजे घोषित होने के बाद UGC बाकी बोर्ड्स के नतीजे घोषित होने का इंतज़ार करेगा। उसके बाद ही एडमिशन का प्रोसेस शुरू होगा।'