रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य सड़कों के निर्माण के दौरान वृक्षों की सुरक्षा पर उचित ध्यान नहीं देने को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर तल्ख टिप्पणी करते हुए गुरुवार को कहा कि वह सिर्फ सड़क निर्माण करती है और इस दौरान वहां के वृक्षों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देती। झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायमूर्ति ए. के. चौधरी की खंड पीठ ने सड़क निर्माण के लिए पेड़ काटने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को यह टिप्पणी की।
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि एनएचएआई सिर्फ सड़क बनाने पर ही ध्यान दे रही है, उसका ध्यान पेड़ों की सुरक्षा पर नहीं है। यह गंभीर मामला है, इस पर कोई नहीं ध्यान नहीं दे रहा है। दो साल पहले हजारीबाग-रांची सड़क को चौड़ा किया गया, और अब उस सड़क के किनारे कोई पेड़ नजर नहीं आता।
सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने अदालत में शपथ पत्र दाखिल कर कहा कि सड़क के किनारे पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए सड़क निर्माण करने वाली एक कंपनी ने एजेंसी को काम सौंपा था, लेकिन पौधे लगाने के बाद कंपनी ने काम छोड़ दिया। अब यह काम किसी अन्य एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा।
इसपर अदालत ने एनएचएआई से पौधे लगाने के एक्शन प्लान की पूरी जानकारी मांगी। अदालत ने कहा कि जुलाई में ही पौधे लगाए जाएं, जिससे उनके बढने की संभावना ज्यादा रहेगी। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तिथि तक इस मामले में पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश न्याय मित्र को दिया है।