नयी दिल्ली: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर सुनवाई को करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस.के. कौल की पीठ ने वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा की इस दलील पर विचार किया कि संवैधानिक पीठ के फैसले पर फिर से विचार की मांग कर रही उनकी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। नेदुम्परा राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु संगठन की ओर से दाखिल याचिका पर वकील के तौर पर पेश हुए और मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने 4:1 के अनुपात से फैसला सुनाया था कि सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए।
बीते नौ अक्टूबर को न्यायालय ने नेदुम्परा की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था। पीठ ने कहा था कि दशहरा के अवकाश के बाद ही पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई हो सकती है और यह सुनवाई खुली अदालत में न होकर कक्ष में होगी। राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु संगठन के अलावा नायर सेवा समाज (एनएसएस) ने भी याचिका दायर कर शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के फैसले पर फिर से विचार की मांग की है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सबरीमाला मंदिर के कपाट पिछले दिनों खोले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भले केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ कर दिया हो, लेकिन अब तक महिलाओं को मंदिर में प्रवेश मिल नहीं सका है। 5वें दिन भी महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकीं।