देश के अस्पतालों में जहां कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं इन अस्पतालों में मरीजों की ही नहीं बल्कि शवों की भी दुर्दशा की खबरें सामने आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मसलों का स्वत: संज्ञान लेते हुए इससे जुड़े मामलों की सुनवाई किया और मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने इस मामले को न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ को सुपुर्द किया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया टीवी की रिपोर्ट का हवाला दिया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट कोरोना मरीजों के प्रॉपर ईलाज और कोरोना मरीजों के मृत शरीर के अस्पताल में रख रखाव को लेकर सरकार को निर्देश दे सकता है।
बता दें कि दिल्ली में सरकारी हॉस्पिटल में इलाज के नाम कितना बुरा हाल है, इससे जुड़ी एक रिपोर्ट इंडिया टीवी पर पेश की गई थी। दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल के वॉर्ड के अंदर की तस्वीरें रोंगटे ख़ड़े करनेवाली थीं। इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में जो दृश्य सामने आए उसके मुताबिक एलएनजेपी हॉस्पिटल के हर वॉर्ड का हाल पहले से भी ज्यादा बुरा है। लॉबी में भी मरीज बेसुध पड़े थे। कुछ लॉबी में बैठे बैठे उल्टियां कर रहे थे लेकिन कोई उनकी मदद करने वाला नहीं था। जो मरीज होश में दिखे, आसपास का हाल देखकर उनके होश उडे हुए हैं। करीब पन्द्रह मिनट के वीडियो में एक भी नर्स, एक भी डॉक्टर या एक भी बार्ड ब्यॉय नहीं दिखा। सिर्फ तिल-तिल कर मरते हुए मरीज दिखे।
वीडियो में अस्पताल के कोविड वॉर्ड में एक कोरोना मरीज के.बदन पर एक भी कपड़ा नहीं है। ये बेहद बुरी हालत में था और दुख की बात ये है कि ये काफी देर तक इसी तरह वॉर्ड में पड़ा रहा। उसे उठाकर बेड के ऊपर लिटाने वाला कोई नहीं था। आपको बता दें कि एलएनजेपी कोविड के इलाज के लिए एक डेडिकेटेड हॉस्पिटल है। दावा किया जाता है कि यहां मरीजों की अच्छी तरह देखभाल होती है, लेकिन सच्चाई कुछ और नजर आई।
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