नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई करने वाले विशेष जज बी एन लोया की दिसंबर, 2014 में हुयी मौत की एसआईटी से जांच के लिये पुनर्विचार याचिका खारिज की। इस याचिका में कोर्ट से अप्रैल में दिए गए अपने फैसले को बदलने का आग्रह किया गया था। अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोया की मौत की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दी थी और कहा था जज लोय की मौत प्राकृतिक थी।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी कड़ी टिप्पणी
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएम खानविलकर की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं को अप्रैल महीने में खारिज कर दिया था। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ये याचिकाएं राजनीतिक हित साधने और चर्चा बटोरने के लिए दायर की गई लगती हैं। इन याचिकाओं का कोई ठोस आधार नहीं है। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह याचिकाएं न्यायपालिका की छवि को खराब करने का एक प्रयास है।
2014 को नागपुर में हुई थी मौत
जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले से जुड़े केस की सुनवाई कर रहे थे। एक दिसंबर, 2014 को नागपुर में उनकी मौत हो गई थी। वह वहां अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में शामिल होने गये थे। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई थी। नवंबर 2017 में जज लोया की मौत को उनकी बहन ने संदिग्ध बताया था। इसके बाद यह मामला उठा और उसके तार सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर से जोड़ते हुए उनकी मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं।