नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सनसनीखेज कठुआ गैंगरेप एवं हत्या मामले की नए सिरे से जांच के लिए दायर याचिका खारिज कर दी। इस मामले के एक आरोपी ने पहले की गई जांच को दुर्भावना से प्रेरित बताते फिर से जांच की मांग की थी। कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि इसमें जम्मू कश्मीर पुलिस की जांच में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस धनन्जय वाई चंद्रचूड की पीठ ने मामले में दो अन्य आरोपियों की एक अन्य याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी को देने की मांग की गई थी। दोनों याचिकायें खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि आरोपी सुनवाई के दौरान निचली अदालत के समक्ष यह मुद्दा उठा सकता है। मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने 7 लोगों के खिलाफ मुख्य आरोपपत्र दायर किया।
इसके अलावा एक किशोर के खिलाफ अलग से आरोपपत्र दायर किया गया था जिसमें बताया गया था कि किस तरह नाबालिग लड़की को कथित तौर पर अगवा किया गया, नशे की दवा दी गई और एक पूजा स्थल के भीतर उससे बलात्कार किया गया। बाद में लड़की की हत्या कर दी गई थी।