नई दिल्ली: गोरक्षा के नाम पर गोरक्षकों की तरफ से हो रही गुंडागर्दी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में नोडल अफसर तैनात करने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी राज्यों से दो हफ्ते में इस सिलसिले में रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि इस तरीके के संगठनों पर लगाम लगाई जानी चाहिए। ये भी पढ़ें: बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर फूटा लोगों का गुस्सा
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह अपने यहां एक नोडल ऑफिसर को नियुक्त करें, जिसकी जिम्मेदारी होगी कि वह ऐसे गोरक्षा के नाम पर चल रहे संगठनों पर निगरानी रखें और उनके खिलाफ कार्रवाई करे।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट में कहा कि देशभर में गोरक्षा के नाम पर 66 वारदातें हुई हैं। केंद्र सरकार कह रही है कि ये राज्यों का मामला है जबकि संविधान के अनुसार केंद्र को राज्यों को दिशा निर्देश जारी करने चाहिए। वहीं तीन राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा कि राज्य इस संबंध में कदम उठा रहे हैं। उन्हें जवाब देने के लिए कुछ वक्त चाहिए। अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। गुजरात, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक को नोटिस जारी किया था। वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले में पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि ये कानून व्यवस्था का मामला है और राज्य सरकारें ऐसे मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही हैं। केंद्र ने यह भी कहा था कि इस तरीके से कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती।