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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में जस्टिस जोसेफ के नाम पर बनी सहमति

सरकार ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति के एम जोसफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रोन्नत करने की कॉलेजियम की सिफारिश पुनर्विचार के लिये लौटा दी थी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : May 11, 2018 17:34 IST
उत्तराखंड उच्च...
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसफ।

नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ को पदोन्नति देने की सिफारिश के फैसले पर पुनर्विचार के लिये शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम की महत्वपूर्ण बैठक हुयी।  इस बैठक में जस्टिस जोसेफ के नाम पर सहमति बन गई है।  केन्द्र सरकार ने न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर फिर से विचार के लिये उनकी फाइल लौटा दी थी। सूत्रों ने बताया कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में कोलेजियम के सदस्यों की करीब एक घंटे तक बैठक चली।  इस बैठक् में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा सहित कोलेजियम के सभी सदस्यों -- न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर , न्यायमूर्ति रंजग गोगोई , न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने हिस्सा लिया।

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​ गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले न्यायमूर्ति जोसफ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिश कॉलेजियम के पास पुनर्विचार के लिये वापस भेज दी थी।  शीर्ष अदालत में सर्वाधिक वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर ने न्यायमूर्ति जोसफ का नाम केंद्र के पास अविलंब भेजने के लिये प्रधान न्यायाधीश को कल एक खत लिखकर कॉलेजियम की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था।

सरकार ने 26 अप्रैल को न्यायमूर्ति के एम जोसफ को सर्वोच्च न्यायालय के जज के तौर पर प्रोन्नत करने की कॉलेजियम की सिफारिश पुनर्विचार के लिये लौटा दी थी। सरकार ने तब कहा था कि प्रस्ताव सर्वोच्च अदालत के मानकों के अनुरूप नहीं है और उच्चतम न्यायालय में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है जहां से वह आते हैं। सरकार ने सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश के तौर पर प्रोन्नति के लिये उनकी वरिष्ठता पर भी सवाल उठाए थे। उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने कहा कि कल देर शाम प्रधान न्यायाधीश को भेजे अपने खत में न्यायामूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वह न्यायमूर्ति जोसफ को उच्चतम न्यायालय में प्रोन्नत किये जाने के अपने फैसले को दोहरा रहे हैं क्योंकि उन परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है जब 10 जनवरी को कॉलेजियम ने सरकार के पास उनके नाम की अनुशंसा की थी। 

यह भी पता चला है कि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रधान न्यायाधीश को लिखे खत में न्यायमूर्ति जोसफ की पदोन्नति को लेकर उठाई गई आपत्तियों का न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने पत्र में क्रमवार जवाब दिया है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। कॉलेजियम की बैठक कल होने की उम्मीद थी लेकिन न्यायमूर्ति चेलमेश्वर कल छुट्टी पर थे। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के अलावा कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ शामिल हैं। 

न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ ने पिछले हफ्ते अपने केरल दौरे के दौरान कथित तौर पर यह स्पष्ट किया था कि वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के मुद्दे पर कॉलेजियम की अनुशंसा दोहराने के पक्ष में हैं। कॉलेजियम की बैठक कब होगी इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं आया है। अधिकारी ने कहा कि सीजेआई को इस बारे में तारीख तय करनी है क्योंकि केंद्र द्वारा न्यायमूर्ति जोसफ से संबंधित सिफारिश को लौटाने के मुद्दे पर चर्चा के अलावा और कोई एजेंडा नहीं है। 

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