नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही सुनवाई को लेकर ड्रेस कोड में बदलाव की व्यवस्था की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेंच के समक्ष पेश होने वाले अधिवक्ताओं के सामने आने वाले ड्रेस कोड में ढील दी है। अदालत ने गाउन पहनने की आवश्यकता को कुछ समय के लिए समाप्त किया है।
सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल द्वारा 13 मई को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि 'कोर्ट के समक्ष वर्चुअल कोर्ट सिस्टम से हो रही सुनवाई के दौरान वकील अगले आदेश तक या चिकित्सा अनिवार्यता रहने तक 'सादे सफेद नेक बैंड के साथ,सादी सफेद शर्ट/सफेद-सलवार-कमीज/सफेद साड़ी पहन' सकते हैं। ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।' बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पहने जाने वाले कपड़ों को प्रतिदिन धोना बेहद जरूरी है। हालांकि, कोट और टाई के साथ ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए वकीलों के ड्रेस कोड से फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए कोर्ट और टाई को हटा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने और भी बदलाव किए
सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सर्कुलर में कहा कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए ड्रेस कोड में बदलाव की यह व्यवस्था की गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान अगले आदेश तक वकील काला कोट और गाउन नहीं पहनेंगे। महिला वकील सफेद सलवार सूट या सफेद साड़ी पहनेंगी, उसके ऊपर वे काला कोट और गाउन नहीं पहनेंगी। इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय स्टाफ को 24 अप्रैल को ही कोट पहनने से मना कर दिया गया था। लॉकडाउन के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने अपना कामकाज बाधित नहीं होने दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई शुरू की। हफ्ते में तीन से 4 दिन जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है।