नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं को निर्धारित नियमों के अनुसार वापस भेजा जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को तुरंत रिहा करने और उन्हें म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था। केंद्र ने इससे पहले याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों की राजधानी नहीं बन सकता।
यानि फिलहाल जम्मू में पकड़े गए रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा नहीं किया जाएगा। कोर्ट के आदेश के अनुसार जैसे ही उन्हें वापस भेजने की कागजी कार्रवाई पूरी हो जाती है, उन्हें सरकार वापस भेज सकती है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद बाकी रोहिंग्या शरणार्थियों को भी वापस भेजने का रास्ता साफ हो गया है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि रोहिंग्या बच्चों की हत्याएं कर दी जाती है और उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है तथा म्यांमार की सेना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने में नाकाम रही है।
बता दें कि जम्मू में 155 से ज्यादा रोहिंग्या को होल्डिंग सेंटर में रखा गया है। ये रोहिंग्या पुलिस के बुलावे पर अपने कागजों की जांच कराने गए थे लेकिन दिनभर चली जांच के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ लोगों को तो घर जाने की इजाजत दे दी लेकिन बड़ी संख्या में जमा हुए रोहिंग्या को होल्डिंग सेंटर भेज दिया। कठुआ जिले की उप-जेल जो हीरानगर में है फिलहाल रोहिंग्या के लिए होल्डिंग सेंटर है। सभी को वहीं रखा गया है।
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