नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कानून में संशोधनों पर रोक लगाने से बुधवार को पुन: इनकार कर दिया और कहा कि केंद्र की पुनरीक्षण याचिका समेत सभी मामलों पर 19 फरवरी को सुनवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले पर विस्तार से सुनवाई की आवश्यकता है और सभी मामलों पर 19 फरवरी को सुनवाई करना उचित होगा।
अधिनियम में किए गए बदलावों को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने इन संशोधनों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की लेकिन पीठ ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने 25 जनवरी को कहा था कि वह अजा/अजजा अधिनियम 2018 के संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं एवं केंद्र की पुनर्विचार याचिका को उचित पीठ के समक्ष एक साथ सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न की रोकथाम) संशोधन कानून, 2018 पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस संशोधित कानून के जरिए आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दिए जाने के प्रावधान को बहाल किया गया है।