नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या की सनसनीखेज घटना से संबंधित मुकदमा आज जम्मू कश्मीर से बाहर पठानकोट की अदालत में स्थनांतरित कर दिया। न्यायालय ने इसके साथ ही इस मुकदमे की सुनवाई पर लगी रोक हटा दी । प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा की पीठ ने निर्देश दिया कि इस मुकदमे की सुनवाई अदालत के बंद कमरे में तेजी से की जाये और किसी विलंब से बचने के लिये इसकी सुनवाई दैनिक आधार पर की जायेगी। पीठ ने इस मामले में उर्दू में दर्ज बयानों का अंग्रेजी में अनुवाद कराने का भी निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इस मुकदमे की सुनवाई जम्मू कश्मीर में लागू रणबीर दंड संहिता के प्रावधानों के अनुरूप की जायेगी। न्यायालय ने कहा कि मुकदमे की सुनवाई आरोपियों और पीडित परिवार के लिये पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि इस दौरान पीडि़त के परिवार और उनके मुकदमे का प्रतिनिधित्व कर रही वकील को प्रदान की गयी सुरक्षा बरकरार रहेगी। इस मामले में आरोपी किशोर को मिली सुरक्षा भी जारी रहेगी। एक घुमंतू कबीले की आठ वर्षीय बच्ची कठुआ जिले के निकट स्थित गांव में अपने घर के पास से 10 जनवरी को लापता हो गयी थी और उसका शव एक सप्ताह बाद उसी इलाके के जंगल में मिला था।