सुप्रीम कोर्ट में आज सबरीमाला मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के साथ भेदभाव पर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय बेंच विभिन्न धर्मों में और केरल के सबरीमला मंदिर सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के बारे में चर्चा के लिए आज मुद्दे तय करेगा। संविधान पीठ मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में महिलाओं का खतना और गैर पारसी पुरूषों से शादी कर चुकी पारसी महिलाओं के पवित्र अग्नि स्थल में प्रवेश पर रोक से संबंधित मुद्दों पर विचार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति एम एम शंतनगौदार, न्यायमूर्ति एस ए नजीर , न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्याकांत शामिल हैं। बता दें कि शीर्ष न्यायालय ने 13 जनवरी को चार वरिष्ठ वकीलों से कहा था कि वे इस विषय में चर्चा किए जाने वाले मुद्दों पर फैसले के लिए एक बैठक आयोजित करें।
पिछले साल 14 नवंबर को वृहद पीठ के पास इस मामले को भेजते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि उपासना स्थल पर महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर पाबंदी जैसे धार्मिक रीति रिवाजों की संवैधानिक वैधता पर बहस सिर्फ सबरीमला तक सीमित नहीं है। पीठ ने कहा था कि ऐसी पाबंदियां मस्जिदों और दरगाहों में महिलाओं के प्रवेश, गैर पारसियों से शादी करने वाली पारसी महिलाओं के पवित्र अग्नि स्थल में प्रवेश को लेकर भी हैं।