लखनऊ। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जो रुख अपनाया था अब वह उससे यू टर्न ले सकता है। मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की बैठक में लिए गए फैसलों के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ट ने फैसला किया है कि वह मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन नहीं लेने पर विचार करेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड की 26 नवंबर को बैठक होगी जिसमें वक्फ बोर्ड मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन नहीं लेने पर विचार कर सकता है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 17 सितंबर की बैठक के बाद कहा था कि मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन शरियत के खिलाफ है।
9 नवंबर को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर ही बनाया जाएगा और उसके लिए सरकार ट्रस्ट का गठन करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि मस्जिद के लिए सरकार अलग से 5 एकड़ जमीन मुहैया कराएगी। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमती जताई थी। लेकिन अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के बाद यू टर्न ले सकता है।
सूत्रों के मुताबिक 26 नवंबर की बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड बाबरी के बदले में सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनाने का फैसला करेगा और जमीन का प्रस्ताव पूरी तरह ठुकराने की जगह 5 एकड़ जमीन पर हॉस्पिटल या एजुकेशन इंस्टीट्यूट बनाने को लेकर मिल रहे सुझावों पर विकल्प के तौर पर विचार किया जाएगा AIMPLB के अलावा असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना महमूद मदनी ने भी 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने को शरियत के खिलाफ बताया था।