नई दिल्ली: सुखजिंदर रंधावा जेल मंत्री पंजाब ने मुखतार अंसारी को पंजाब से यूपी जेल भेजने के फैसले पर कहा कि यह जो गुंडे बदमाश है इनको ग्लोरिफाई नहीं करना चाहिए। मेरे ख्याल से सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते का टाइम ज्यादा दे दिया है अगर 1 दिन का टाइम भी देते तो हम उसको ट्रांसफर कर देते हमारे जेल डिपार्टमेंट में ना कोई आदमी अपनी मर्जी से अंदर जा सकता है और ना ही बाहर आ सकता है। उन्होनें कहा कि जब भी मेरे पास सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आएगा, मैं उसको इमीडिएट उसे इंप्लीमेंट करूंगा।
इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार के लिए यह बड़ी बेशर्मी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट को यह कहना पड़ रहा है कि इस खूंखार अपराधी को यूपी भेज दिया जाए उन्होंने कहा कि इस बात का भी पता लगना चाहिए कि सरकार की इस कुख्यात अपराधी को पंजाब में रखने की क्या मंशा थी। मुख्तार 2005 से जेल में बंद है। कृष्णानन्द राय की हत्या के मामले में बरी होने के बाद मुखतार पंजाब चला गया। पहले मुख्तार पर 47 मुकदमे दर्ज थे जिनमे वह 14 में बरी हुआ, 29 में चार्जशीट हो गई, 7 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लग गई है और 4 केस वापस ले लिए गए है।
पंजाब के रोपड़ में रंगदारी के मुकदमे में मुख्तार करीब डेढ़ साल पहले रोपड़ जेल गया था फिर यूपी नही आया। यूपी में चल रहे मामलों में मुखतार की कोर्ट में पेशी की कई बार पुलिस ने कोशिश की लेकिन कामयाबी नही मिली। अभी गाज़ीपुर जिले के मुहम्मदाबाद कोतवाली में फर्ज़ी दस्तावेज़ के ज़रिए असलहे का लाइसेंस लेने का मुकदमा है जिसकी सुनवाई प्रयागराज के MP MLA कोर्ट में चल रही है, यहां की पुलिस तीन बार सम्मन लेकर रोपड़ जेल जा चुकी है लेकिन मुख्तार अंसारी बीमारी की आड़ में कोर्ट में पेश नही हुआ। अक्टूबर 2020 में भी पुलिस प्रयागराज की MP MLA कोर्ट का सम्मन लेकर रोपड़ जेल गई थी। लेकिन मुखतार पेश नही हुआ।
रूपनगर के सीविल सर्जन के दफ्तर से मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से मुखतार कोर्ट में पेश होने से बच गया। रिपोर्ट के मुताबिक मुखतार को स्लिप डिस्क, डायबीटीज़ और डिप्रेशन की शिकायत है और तीन महीने तक बेड रेस्ट की ज़रूरत है। प्रयागराज के MP mla कोर्ट में मुखतार पर दस मुकदमे चल रहे है। मुख्तार की तरफ से प्रयागराज के जिला जज के यहां अपील की गई है कि कोर्ट में पेशी से उसे छूट दी जाए क्योंकि यूपी के जेल में उसकी मुन्ना बजरंगी की तरह हत्या हो सकती है।
मुखतार के ऊपर जो मुकदमे चल रहे है उनमें हत्या जैसे संगीन मुकदमे भी है। इलाहबाद हाईकोर्ट में मुख्तार पर हत्या का मुकदमा चल रहा है, जहां आरोप है कि मुखतार बीमारी का बहाना बनाकर पेश नही हो रहा। अगस्त 2009 में मऊ के यूनियन बैंक चौराहे पर अजय प्रकाश उर्फ मन्ना सिंह की हत्या कर दी गई थी, मन्ना की तो मौके पर मौत हो गई बाद में मन्ना के साथी राजेश राय की मौत हो गई। मुखतार पर जेल से हत्त्या कराने का आरोप लगा। मन्ना सिंह ने मुखतार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, सेशन कोर्ट से इस मामले में मुख्तार बरी हो गया अब मन्ना सिंह के भाई अशोक सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की है लेकिन मुखतार पेशी पर नही आ रही है।
इस मामले के गवाह राम सिंह मौर्य को मार्च 2010 में मऊ के RTO दफ्तर में भीड़भाड़ वाले जगह पर मार दिया गया। इसमें मौर्य का सुरक्षाकर्मी भी मारा गया, इन दोनों हत्याओं के इल्ज़ाम भी मुखतार पर है और इस मामले में प्रयागराज की MP MLA कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस केस में भी मुखतार पेश नही हो रहा और प्रयागराज के जिला जज के यहां अपील की है कि इस संबंध में पर्सनल पेशी से छूट मिले।