नई दिल्ली: चीन के साथ LAC पर तनाव के इस वक्त में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने चीन के साथ होने वाली विदेश मंत्री स्तर की बातचीत को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इस बारे में ट्वीट कर कहा कि अगर हफ्ते हमारे विदेश मंत्री और चीनी विदेश मंत्री के बीच होने वाली बातचीत को रद्द कर देना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, "भारत को हमारे विदेश मंत्री की चीनी विदेश मंत्री के साथ अगले हफ्ते के लिए प्रस्तावित बातचीत को रद्द कर देना चाहिए। यह बेकार है क्योंकि भारत चाहता है कि चीन अपने कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर दे लेकिन चीन इसे भारतीय क्षेत्र के रूप में मानता ही नहीं है, इसलिए खाली नहीं करेगा।"
बता दें कि इससे पहले शनिवार को रूस के मॉस्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगी को स्पष्ट संदेश दिया था कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का कड़ाई से सम्मान करे और यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश न करे। उन्होंने जोर देकर कहा था कि भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में एलएससी पर पैदा हुए तनाव के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्चस्तरीय आमने-सामने की बैठक में रक्षा मंत्री ने यह संदेश दिया। राजनाथ और वेई के बीच यह बैठक शुक्रवार शाम शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रक्षा मंत्री स्तर की बैठक से इतर मॉस्को में हुई और यह करीब दो घंटे 20 मिनट तक चली।
अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात को जिम्मेदारी से सुलझाने की जरूरत है और दोनों पक्षों की ओर से आगे कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे मामला जटिल हो और सीमा पर तनाव बढ़े। बता दें कि हाल में पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे स्थित भारतीय इलाके पर कब्जे के लिए चीन द्वारा की गई असफल कोशिश के बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 15 जून को दोनों देशों के बीच तनाव कई गुना तब बढ़ गया था जब भारत और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई और भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। चीन की ओर से झड़प में हताहतों की जानकारी नहीं दी गई है लेकिन अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक गलवान झड़प में चीन के 35 सैनिक मारे गए।