नई दिल्ली: बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर दावा किया है कि नेशनल हेरालड् केस में उन्हें एक बड़ा सुराग मिला है जो कि इसकी सुनवाई को नई गति प्रदान करेगा। वहीं स्वामी के सहयोगी और अधिवक्त इशकरण सिंह भंडारी ने इसे एक न्यूक्लियर बम करार दिया है। हालांकि दोनों ने इस सुराग के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार किया और कहा कि इस केस की सुनवाई में सब खुलासा हो जाएगा।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड नामक अखबार की शुरुआत साल 1938 में लखनऊ में की गई थी। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इसके पहले संपादक थे। खराब प्रिंटिंग और तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए साल 2008 में इसके दिल्ली अंक को भी बंद करने का फैसला किया गया और यह अखबार पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
इस अखबार का मालिकाना हर एसोसिएट जर्नल्स को दे दिया गया। इस कंपनी ने कांग्रेस से बिना ब्याज के 90 करोड़ रुपए कर्जा लिया। लेकिन अखबार फिर भी शुरु नहीं हुआ। 26 अप्रैल 2012 को एक बार फिर से मालिकाना हक का स्थानांतरण हुआ। अब नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक यंग इंडिया को मिला। यंग इंडिया में 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं। जानकारी के मुताबिक यंग इंडिया ने हेराल्ड की संपत्ति महज 50 लाख में हासिल की जिसकी कीमत करीब 1600 करोड़ के आस पास थी। तात्कालीन जनता पार्टी नेता और मौजूदा भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि हेराल्ड की संपत्तियों को गलत ढंग से इस्तेमाल में लिया गया है। स्वामी इस मामले को साल 2012 में कोर्ट तक खींच ले गए।