नई दिल्ली: पाकिस्तान ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद वह भारत के साथ फिर से बाचतीत शुरू होने की आशा कर रहा है। साथ ही, इस बात का जिक्र किया कि व्यवस्थित बातचीत दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति तथा सुरक्षा कायम करने के रास्ते पर ले जाएगा।
पाकिस्तान के निवर्तमान उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने पीटीआई भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में सुधार के लिए कूटनीति एवं वार्ता अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में चुनाव के बाद फिर से बातचीत शुरू होने की आशा करते हैं।’’
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को एक आतंकी ठिकाने पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले और उसके अगले ही दिन पाक की जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ गया था। महमूद ने कहा, ‘‘सतत बातचीत और व्यवस्थित वार्ता दोनों देशों को पारस्परिक चिंताओं को समझने, लंबित विवादों का हल करने और क्षेत्र में टिकाऊ शांति, सुरक्षा तथा समृद्धि लाने में सक्षम बनाएगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत में पाकिस्तान के बारे में नजरिये की समीक्षा करने की जरूरत है।
महमूद ने कहा कि पाकिस्तान को वस्तुनिष्ठ रूप से और कहीं अधिक पूर्ण तरीके से हकीकत के साथ बयां करने वाले नजरिये की जरूरत है। एक ऐसा नजरिया जो शांतिपूर्ण, सहयोगी और अच्छे पड़ोसी संबंधों के लिए अवसरों को मान्यता देने में मदद करे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अवश्य ही हमारे खुद के लिए एवं क्षेत्र के लिए टिकाऊ शांति, समान सुरक्षा और साझा समृद्धि के लिए काम करना चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने तनाव घटाने की कोशिश के तहत दो हफ्ते पहले 360 भारतीय कैदियों को सदभावना के तहत रिहा करने की घोषणा की थी। उनमें से ज्यादातर लोग मछुआरे थे। पाकिस्तान में सालाना बैशाखी समारोह में भाग लेने के लिए भारत से 2,200 सिख श्रद्धालुओं को यहां स्थित पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा वीजा दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया।
करतारपुर कॉरीडोर परियोजना के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि इस्लामाबाद अपनी ओर बुनियादी ढांचे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। पाक सरकार आशा करती है कि नवंबर 2019 से पहले इसके तौर तरीकों पर दोनों देश सहमत हो जाएंगे।