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बार-बार कांप रही है दिल्ली एनसीआर की धरती, क्‍या ये किसी बड़े भूकंप का संकेत?

साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री साफ किया कि दिल्ली-एनसीआर में 'ऐसे झटके असमान्य नहीं हैं।'

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 19, 2020 14:15 IST
Earthquake
Image Source : FILE Earthquake

दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत में पिछले दो महीने के भीतर डेढ़ दर्जन भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। हरियाणा के रोहतक में लगातार दो दिनों से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। हालांकि इनकी तीव्रता काफी कम थी। लेकिन सवाल उठने लगा है कि क्या ये किसी बड़े भूकंप के संकेत हैं। इस संबंध साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री साफ किया कि दिल्‍ली-एनसीआर में 'ऐसे झटके असमान्‍य नहीं हैं।' दिल्‍ली-एनसीआर का इलाका हिमालयन रीजन के बाद, भूकंप के लिहाज से दूसरी सबसे खतरनाक जगह है। लेकिन मंत्रालय ने साफ किया कि अभी किसी बड़े भूकंप की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता। 

साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री के तहत आने वाले वाडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के मुताबिक दिल्ली के आसपास आ रहे इन झटकों से पता चलता है कि इस क्षेत्र में तनाव ऊर्जा का निर्माण हो रहा है। लेकिन ताजा झटकों को बड़े भूकंप के पूर्व आए हल्के झटकों के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। वाडिया इंस्टीट्यूट के मुताबिक भारतीय प्लेट के यूरेशियन प्लेट के भीतर प्रवेश करने के चलते तनाव ऊर्जा का निर्माण हो रहा है।

इंस्‍टीट्यूट के डायरेक्‍टर कलाचंद साईं ने कहा, "हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है। चूंकि किसी भी मैकेनिज्‍म से भूकंप का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता तो इन झटकों को किसी बड़े भूकंप से जोड़कर नहीं देखा जा सकता।" वाडिया इंस्‍टीट्यूट के अनुसार'कम तीव्रता के भूकंप अक्‍सर आते रहते हैं मगर बड़े भूकंप बेहद दुर्लभ होते हैं। बड़े भूकंपों से ही इमारतों और सम्‍पत्ति को नुकसान पहुंचता है।' संस्‍थान के मुताबिक, कम तीव्रता के झटके लगना स्‍ट्रेन एनर्जी रिलीज होने का संकेत हो सकते हैं जो भारतीय प्‍लेट के उत्‍तर की तरफ मूवमेंट और उसके यूरेशियन प्‍लेट से टकराने पर जमा होती है। 

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दूसरा सबसे जोखिम भरा जोन है दिल्ली एनसीआर क्षेत्र

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली एनसीआर को जोन 4 में रखा गया है। यह दूसरे सबसे अधिक जोखिम वाले क्षेत्र में शामिल है। अक्सर जोखिम वाले क्षेत्र शांत रहेते हैं। कभी कभार यहां पर हल्के झटके महसूस किए जाते हैं। लेकिन यह इस बात का प्रमाण नहीं होते कि अचानक यहां बड़ा भूकंप आने वाला है। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में आए पिछले 14 हल्के भूकंप के झटको में सबसे ज्यादा तेज झटका रोहतक में 29 मई को 4.6 तीव्रता का था। 

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