Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. झारखंड: अब स्ट्रॉबेरी की खेती में किसान आजमा रहे हाथ, बढ़ रही आमदनी

झारखंड: अब स्ट्रॉबेरी की खेती में किसान आजमा रहे हाथ, बढ़ रही आमदनी

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रामगढ़ और चाईबासा में में भी किसान अब स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। सरकार लगातार स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इन किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती में वैज्ञानिक विधि अपनाने पर बल दे रही है। समय-समय पर तकनीकी सहायता दिला रही है। 

Edited by: IANS
Published on: March 10, 2021 12:39 IST
strawberry farming helping farmers income to increase in jharkhand झारखंड: अब स्ट्रॉबेरी की खेती में- India TV Hindi
Image Source : IANS झारखंड: अब स्ट्रॉबेरी की खेती में किसान आजमा रहे हाथ, बढ़ रही आमदनी

डालटनगंज. झारखंड के किसान अब धान और मक्का की खेती को छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती में हाथ आजमाने लगे हैं। इससे इन प्रगतिशील किसानों को न केवल अच्छी कमाई हो रही है, बल्कि उनके रहन-सहन में भी बदलाव आया है। पलामू प्रमंडल के कई क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी अपनी रसीली लालिमा बिखेरने लगी है। सैकड़ों किसान परंपरागत खेती से अलग बाजार की मांग के अनुरूप कदमताल करने लगे हैं। पलामू के छतरपुर के रहने वाले आदित्य कहते हैं कि प्रारंभ में स्ट्रॉबेरी की खेती नहीं करते थे, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें इस खेती में लाभ दिखने लगा और वे स्ट्रॉबेरी की खेती करने लगे।

पढ़ें- 3 लोगों ने लड़के के शरीर में भरी हवा, असहनीय दर्द के बाद मौत

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रामगढ़ और चाईबासा में में भी किसान अब स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। सरकार लगातार स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इन किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती में वैज्ञानिक विधि अपनाने पर बल दे रही है। समय-समय पर तकनीकी सहायता दिला रही है। सरकार की कूप निर्माण और सिंचाई योजना स्ट्रॉबेरी की मिठास को बढ़ाने में सहायक हो रही है। सरकार स्ट्रॉबेरी की फसल की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध करा रही है।

पढ़ें- BJP संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी का बड़ा बयान

उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप किसानों की आजीविका को गति मिल रही है और उन्हें प्रति एकड़ ढाई लाख रुपये तक की आमदनी भी हो रही है। पलामू प्रमंडल के आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने पलामू, लातेहार और गढ़वा के उपायुक्तों और कृषि पदाधिकारियों की बैठक में कहा कि पलामू प्रमंडल में स्ट्रॉबेरी, बेबी कॉर्न, ब्रोकली तथा अन्य नकदी फसलों के उत्पादन का हब बनने की अपार क्षमता मौजूद है। बस किसानों का माइंड सेट बदलना है। उन्हें परम्परागत खेती के साथ नकदी फसल की खेती करने को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

पढ़ें- तीरथ सिंह रावत होंगे उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री, शाम चार बजे शपथ ग्रहण

उन्होंने अधिकारियों को क्लस्टर बेसिस पर किसानों के चयन करने का निर्देश दिया। उन्होंने ग्रुप बना कर किसानों की समस्याओं का निष्पादन करने का निर्देश दिया। आयुक्त ने कहा, "गढ़वा तथा पलामू 'रेन शैडो एरिया' है, यहां बारिश कम होती है। ऐसे में यहां पर माइक्रो इरीगेशन ज्यादा उपयोगी साबित होगी। इसके माध्यम से पलामू प्रमंडल को स्ट्रॉबेरी तथा अन्य नकदी फसलों का हब बनाया जा सकता है, जिससे प्रमण्डल के किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा।"

पढ़ें- बंगाल में बीजेपी ने जारी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट, जानिए मिथुन सहित कौन-कौन संभालेगा प्रचार की कमान

कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि राज्य सरकार ने किसानों को उन्नत कृषि की योजनाओं से जोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। इच्छुक प्रगतिशील किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती की विधि की जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि झारखंड का स्ट्रॉबेरी बिहार, छत्तीसगढ़ तथा बंगाल के कई शहरों में भेजा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि झारखंड में इसकी खेती सैकड़ों एकड़ में हो रही है। अगर पलामू के हरिहरगंज की बात करें, तो यहां के किसान 30 एकड़ भूमि में स्ट्रॉबेरी उपजा रहे हैं। स्ट्रॉबेरी की मांग बाजार में काफी अच्छी है। विशेषकर कोलकाता में इसकी बिक्री हो रही है। कोलकाता के बाजार में स्ट्रॉबेरी पहुंचते ही हाथों हाथ क्रय कर लिया जा रहा है।

पढ़ें- हरियाणा में खट्टर की अग्नि परीक्षा, क्या JJP के विधायक बन जाएंगे मुसीबत?

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement