नई दिल्ली: समझौता एक्सप्रेस ट्रेन ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद समेत चार आरोपियों को पंचकूला की स्पेशल NIA कोर्ट ने बरी कर दिया है। स्वामी असीमानंद के साथ जिन आरोपियों को बरी किया गया, उनके नाम हैं- लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी हैं। ये तो आज (20 मार्च 2019) की खबर है लेकिन क्या आपको याद है कि आखिर 18 फरवरी 2007 की रात क्या हुआ था? नहीं! तो हम आपको बताते हैं कि आखिर उस रात क्या हुआ था।
18 फरवरी 2007 की ये वही रात थी जब समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में ब्लास्ट हुआ था। दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हो गई थी। ये ब्लास्ट हरियाणा के पानीपत में चांदनी बाग थाने के गांव सिवाह के करीब दीवाना स्टेशन के पास हुआ था। धमाके के बाद ट्रेन में आग गई थी। इतनी बड़ी वारदात के बाद भी मौके से जिंदा बारूद बरामद किया गया था। पुलिस ने विस्फोट की जगह से दो IED बम बरामद किए थे।
इस ब्लास्ट में मारे गए 68 लोगों में से 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय नागरिक और 15 अन्य लोग मारे गए थे। इन कुल 68 लोगों में से 64 आम लोग थे, जबकि 4 रेलवे के अधिकारी थे। दिल्ली से रात के 10.50 बजे रवाना हुई समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में कुल 16 कोच थे। ब्लास्ट करने के लिए 4 IED प्लांट किए गए थे, लेकिन ब्लास्ट सिर्फ दो ही हुए थे। पुलिस ने बाद में 2 जिंदा IED बम बरामद किए थे। IED के लिए ट्रेन के 2 अनारक्षित कोचों को निशाना बनाया गया था।
ब्लास्ट के बाद शुरुआत में हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच की, लेकिन जुलाई 2010 को करीब धमाके के ढाई साल बाद केस NIA को सौंप दिया गया था। समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पहली चार्जशीट 2011 में फाइल की गई थी। इसके बाद 2012 और 2013 में भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गईं। इस पूरे मामले में आठ लोग आरोपी थे, लेकिन ट्रायल का सामना चार लोगों ने ही किया। अब उन्हें अदालत ने बरी कर दिया है।