नई दिल्ली: त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने के बाद देशभर में मूर्ति पर महासंग्राम शुरू हो गया है। त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति गिराए जाने के बाद जहां तमिलनाडु के वेल्लोर में समाज सुधारक ईवीआर रामास्वामी 'पेरियार' की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया है तो वहीं कोलकाता में आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़ी गई और उसपर कालिख पोता गया। अब मेरठ में भी मूर्ति तोड़े जाने की घटना सामने आई है जहां कुछ अज्ञात लोगों ने मेरठ के मवाना इलाके में अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ दिया। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने के बाद बुधवार सुबह दलित समाज के ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाया तो उनकी पुलिस से तीखी झड़प भी हुई।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने अंबेडकर की नई मूर्ति स्थापित कर दिया है। दरअसल, छोटा मवाना में ग्राम पंचायत के तालाब की भूमि पर काफी समय पूर्व दलित समाज द्वारा बाबा अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की गई थी। इस प्रतिमा को लेकर कई बार टकराव के हालात बन चुके हैं। वहीं ग्राम पंचायत और दलित समाज के बीच चल रहे वाद में कोर्ट ने विवादित स्थान पर कोई भी नया निर्माण न किए जाने के आदेश दिए हैं। देर रात किसी ने मूर्ति को तोड़ डाला। सुबह मूर्ति टूटी देख दलित समाज के ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। इस दौरान वाहन चालकों से मारपीट का प्रयास भी किया गया और वाहनों की लंबी कतारे लग गईं।
वहीं मूर्ति के बदले मूर्ति तोड़ने को लेकर सियासत में उबाल आ गया है। कोलकाता से लेकर तमिलनाडु तक प्रदर्शन हो रहे हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति तोड़े जाने के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में प्रदर्शन किया है। भारत माता की जय और वंदेमातरम् के नारे लगाए। वहीं पेरियार की मूर्ति तोड़े जाने के खिलाफ तमिलनाडु के कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं। चेन्नई, वेल्लोर समेत कई शहरों में सभी दलों के लोग सड़कों पर उतरे और नारेबाजी की।
मूर्ति संग्राम पर किसने क्या कहा?
-बीजेपी किसी की भी मूर्ति तोड़े जाने का समर्थन नहीं करती: अमित शाह
-दुर्भाग्यपूर्ण घटना, सावरकर की मूर्ति जब तोड़ी गई तब चुप क्यों थे?: संजय राउत
-शांति से काम लेना चाहिए, प्रधानमंत्री सख्त हैं ऐसे मामलों पर: किरण रिजिजू
-लेनिन विदेशी थे, एक तरह के आतंकवादी थे: सुब्रमण्यम स्वामी
-आरएसएस-बीजेपी की राजनीतिक शिक्षा ही ऐसी है: जितेंद्र चौधरी
-आरएसएस की फासीवादी विचारधारा का नतीजा, गैर संवैधानिक काम: सीताराम येचुरी
त्रिपुरा में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद सिर्फ लेनिन की मूर्ति ही नहीं तोड़ी जा रही है बल्कि लेफ्ट समर्थकों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। कहीं लेफ्ट दफ्तर में आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं तो कहीं लेफ्ट कार्यकर्ताओं के घरों में तोड़फोड़ और गुंडागर्दी की जा रही है। सीपीएम के मुताबिक चुनावी नतीजे आने के बाद से अब तक 514 कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की घटना हुई है। लेफ्ट समर्थकों के 1539 घरों में तोड़फोड़ हुई है जबकि 196 घरों में आग लगा दी गई। पूरे त्रिपुरा में अब तक लेफ्ट के 134 दफ्तरों में तोड़फोड़ की घटना हुई है और 64 दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया। इतना ही नहीं भाजपा पर सीपीएम के 208 दफ्तरों पर कब्जा करने का भी आरोप है।