जयपुर: राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले फोन टैपिंग को लेकर सियासत फिर गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा इस बारे में दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज करवाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि सिंह को राजस्थान आकर अपनी आवाज का नमूना जांच एजेंसी को देना चाहिए ताकि सच सामने आ सके। गौरतलब है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री मंत्री शेखावत की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने फोन टैपिंग से जुड़े मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसकी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘गजेंद्र सिंह जी झूठी प्राथमिकी की नौटंकी बंद करें और राजस्थान पधारकर अपना वॉयस सैंपल एसीबी को दें ताकि राज्य की सरकार को गिराने की साजिश में आपकी संलिप्तता का जो सबूत राजस्थान पुलिस के पास है उसका सच बाहर आ सके।’’
वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने आज फोन टैपिंग को लेकर के एक प्राथमिकी दर्ज करवाई है। उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘अगर गजेंद्र सिंह के वॉयस टेस्ट में देरी हो रही है तो कांग्रेस के जिन दो विधायकों भंवरलाल शर्मा व विश्वेंद्र सिंह का नाम इसमें आया है...पहले आप उनका वॉयस टेस्ट करके जो मामला है उसे आगे बढ़ाएं।’’ कटारिया ने कहा, ‘‘आपने जो फोन टैपिंग की है वो कानून की अवहेलना की है इसी कारण आपकी सरकार चली जाएगी।’’
उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर पिछले दिनों विधानसभा में हंगामा हुआ था। जहां राजस्थान सरकार ने राज्य में नेताओं के फोन टैपिंग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में किसी विधायक, सांसद या जनप्रतिनिधि का फोन टैप नहीं हुआ है। संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में विपक्ष को चुनौती दी कि अगर वह अपने आरोप साबित कर दे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित पूरी सरकार इस्तीफा दे देगी। इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर पलटवार करते हुए धारीवाल ने कहा था कि विपक्ष फोन टैपिंग का मुद्दा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बार बार बचाने के लिए उठाता है। धारीवाल ने कहा कि अगर शेखावत पाक साफ हैं तो वॉयस सैंपल क्यों नहीं देते? उन्होंने कहा कि विशेष कार्यबल एसओजी द्वारा 17 जुलाई 2020 को लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को धनबल से गिराने के मुकदमे दर्ज किए।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कांग्रेस के कुछ विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग अलग होटलों में रखा था। इस दौरान विधायकों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे हालांकि अधिकारियों व सरकार की ओर से इसका लगातार खंडन किया गया। पिछले साल अगस्त महीने में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने राज्य में फोन टैपिंग के बारे में सवाल पूछा था जिसका जवाब इस महीने राज्य विधानसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ। इसके बाद यह मामला फिर गर्म है। उल्लेखनीय है कि राज्य की सुजानगढ़, राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा के लिए उपचुनाव 17 अप्रैल को होना है।