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बिहार: भारत-नेपाल सीमा पर SSB जवान ने हवा में चलाईं 200 से अधिक गोलियां, इलाके में दहशत

बिहार के किशनगंज में भारत-नेपाल सीमा से लगी चौकी पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक जवान ने शनिवार को हवा में 200 से अधिक गोलियां चला दीं, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 12, 2020 6:48 IST
भारत-नेपाल सीमा पर SSB जवान ने हवा में चलाईं 200 से अधिक गोलियां
भारत-नेपाल सीमा पर SSB जवान ने हवा में चलाईं 200 से अधिक गोलियां (प्रतीकात्मक तस्वीर)

किशनगंज (बिहार): बिहार के किशनगंज में भारत-नेपाल सीमा से लगी चौकी पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक जवान ने शनिवार को हवा में 200 से अधिक गोलियां चला दीं, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। यह घटना जिले के दिघलबैंक थानाक्षेत्र के तहत आने वाले पिल्टोला सीमा चौकी पर एसएसबी कैंप के भीतर हुई, जहां शनिवार को दोपहर के लगभग तीन बजे गोलियों की आवाज़ सुनाई दी और लगभग 45 मिनट तक गोलीबारी चलती रही। 

किशनगंज के पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार झा के अनुसार राजस्थान के निवासी जवान अभय कुमार ने कैंप के अंदर से इंसास राइफलें निकाल ली और हवा में गोली चलाना शुरू कर दिया। झा ने कहा कि अभय कुमार के सहयोगियों द्वारा सूचित किए जाने पर कमांडेंट सुभाष चंद नेगी के नेतृत्व में एसएसबी अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जवान को काबू किया, जो मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है।

सशस्त्र सीमा बल का इतिहास

1962 में चीन युद्ध के बाद यह अनुभव किया गया कि सीमाओं की सुरक्षा केवल बंदूकधारी जवानों द्वारा नहीं की जा सकती बल्कि इसके लिए एक स्वप्रेरित सीमावर्ती जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में एक गैर पारंपरिक, विशेषता प्राप्त संगठन की आवश्यकता महसूस की गई जो दूर- दराज के असुरक्षित विपरीत इलाकों में जलवायु और भूद्रश्य में कार्य करते हुए भिन्न राज्यों की सीमावर्ती जनता को प्रेरित कर राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दे सके।

एस एस बी (विशेष सेवा ब्यूरो) का गठन मार्च, 1963 में, सुदूर सीमावर्ती इलाकों में युद्ध के समय ''स्टे बिहाइंड रोल'' के द्वारा ''सम्पूर्ण सुरक्षा'' तैयारी को सुनि-िश्चत करने के उद्देश्य से हुआ था। यह दक्षिण असम, दक्षिण बंगाल, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाकों (अब उत्तराखण्ड), हिमाचल प्रदेश, पंजाब के कुछ भागों तथा जम्मू व कश्मीर के इलाकों में प्रारम्भ की गई।

बाद में इसका कार्य क्षेत्र मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू (1965), मेघालय (1975), सिक्किम (1976), राजस्थान (1985), दक्षिण बंगाल, नागालैण्ड और मिजोरम (1989) में भी फैल गया और इसके अंतर्गत 15 राज्य समाहित हो गये। लगभग 80,000 गांवों में निवास करने वाली 5.73 करोड़ की जनसंख्या और 9917 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा की रक्षा का दायित्व पूर्व काल में एस. एस.बी. को सौंपा गया था।

एस.एस.बी. का मुख्य कार्य राष्ट्रीयता की भावना और सतर्कता उत्पन्न करना था। एस.एस.बी. ने लगभग दो लाख स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जो संगठन के ज्ञान चक्षु बनकर कार्य करते रहे। 

(इनपुट- भाषा और ​https://ssb.nic.in/)

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