श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कितना बदलाव हुआ है इसका ताजा उदाहरण सोमवार को श्रीनगर के लाल चौक से आईं तस्वीरे हैं। सोमवार को पूरा देश भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन कृष्ण जन्माष्टमी को मना रहा है और श्रीनगर का लाल चौक भी इससे अछूता नहीं रहा। लाल चौक में सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर झांकियां निकाली गईं और उन झांकियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। बता दें कि कश्मीरी पंडितों ने दो साल के अंतराल के बाद यहां भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाने के लिए जन्माष्टमी जुलूस निकाला।
अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुलूस शहर के हब्बा कदल इलाके के गणपतियार मंदिर से शुरू हुआ और बरबरशाह के क्रालखुद से होते हुए ऐतिहासिक लाल चौक स्थित घंटाघर तक पहुंचा। उन्होंने कहा कि जुलूस अमीरकदल पुल को पार कर जहांगीर चौक से गुजरा और मंदिर लौट आया। पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित भक्तों ने रथ के साथ नृत्य किया और लोगों के बीच मिठाई बांटी।
श्रद्धालुओं में से एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि दो साल बाद उन्हें श्रीनगर में जन्माष्टमी का जुलूस निकालने की अनुमति मिली। कोविड-19 के कारण 2020 में कोई जुलूस नहीं निकाला गया था, जबकि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस आयोजन को रद्द कर दिया गया था।
देशभर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है, देश की राजधानी दिल्ली में भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। हालांकि दिल्ली में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों के तहत इस साल जन्माष्टमी के मौके पर भक्तों को धार्मिक स्थलों पर जाने की अनुमति नहीं है।
किसी भी आगंतुक की अनुपस्थिति में कालकाजी मंदिर, छतरपुर मंदिर और बिड़ला मंदिर सहित धार्मिक स्थलों पर समारोह बड़े स्तर पर आयोजित नहीं किये जा रहे है और केवल उन अनुष्ठानों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जो भगवान कृष्ण के जन्म को चिह्नित करते हैं।
ये भी पढ़ें
- क्या अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देगा रूस? सामने आया विदेश मंत्री लावरोव का बड़ा बयान
- अमेरिका के कहने पर पाकिस्तान ने जेल से छोड़ा, आज बना तालिबान की जीत का चेहरा
- अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, क्या हुआ और क्या होगा अभी, खौफ में महिलाएं
- अफगान सेना पर अमेरिका ने खर्च किए अरबों डॉलर, फायदा मिला तालिबान को