श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर दुनियाभर के उन 49 शहरों में से एक है जिन्हें सोमवार को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन)’ में शामिल किया गया। इस सूची में 246 शहर पहले से हैं। इन 49 शहरों को इस सूची में यूनेस्को के महानिदेशक ऑद्रे अजॉले द्वारा ‘‘विकास के केंद्र में संस्कृति और रचनात्मकता को बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता और ज्ञान एवं अच्छी प्रथाओं को साझा करने संबंधी’’ मान्यता देने के बाद शामिल किया गया।
यूनेस्को की वेबसाइट पर जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक अब ऐसे शहरों की संख्या 295 है जो 90 देशों से हैं। यहां संस्कृति और रचनात्मकता, हस्तशिल्प और लोक कलाओं, साहित्य, संगीत आदि में सतत शहरी विकास के लिए निवेश किया जाता है।
यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए भारतीय राष्ट्रीय आयोग (आईएनसीसीयू) ने इस सूची में शामिल करने के लिए श्रीनगर के साथ ग्वालियर का नाम भी भेजा था। श्रीनगर के महापौर जुनैद आजिम मट्टू ने श्रीनगर को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किए जाने की खबर ट्विटर के जरिए दी। इस सूची में मुंबई और हैदराबाद को अक्टूबर 2019 में शामिल किया गया था।
मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर को ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन)’ में शामिल किए जाने पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह शहर के जीवंत सांस्कृतिक लोकाचार के लिए उचित सम्मान है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘इस बात की प्रसन्नता है कि सुंदर शहर श्रीनगर को यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल किया गया और इसमें हस्तशिल्प एवं लोक कलाओं का विशेष तौर पर जिक्र किया गया।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘यह श्रीनगर के जीवंत सांस्कृतिक लोकाचार के लिए उचित सम्मान है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई।’’
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी दी बधाई
वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने ट्वीट कर लिखा कि यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में श्रीनगर को शामिल किया गया है। ये जम्मू-कश्मीर के कारीगरों और बुनकरों की कड़ी मेहनत का फल है। पूरी जम्मू-कश्मीर टीम को बधाई। उन्होंने इस ट्वीट में श्रीनगर मेयर और वहां के अधिकारियों को टैग किया। वहीं दूसरे ट्वीट में उपराज्यपाल ने लिखा कि इस उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार। उन्होंने हमेशा जम्मू-कश्मीर को विशेष प्राथमिकता दी है। श्रीनगर की असाधारण रूप से समृद्ध कला और शिल्प विरासत का डोजियर इस साल जून में सावधानीपूर्वक तैयार और प्रस्तुत किया गया था।