इंदौर: मध्य प्रदेश के संत भैय्यूजी महाराज ने अपने आवास पर ही खुद को गोली मार ली। भैय्यूजी महाराज को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उन्हें इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भैय्यूजी महाराज की मौत के बाद मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है। उन्होंने तनाव की वजह से सुसाइड किया है। इंग्लिश में लिखे सुसाइड नोट में भैय्यू जी महाराज ने किसी को मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
खुदकुशी से पहले भैय्यूजी महाराज ने 1.57 बजे ट्वीट किया था इसके बाद 2 बजे उन्होंने खुदकुशी कर ली। अस्पताल के बाहर समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। बता दें कि शिवराज सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में जिन पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था, भैय्यूजी महाराज उनमें से एक हैं। हालांकि उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।
CM शिवराज ने भैय्यूजी की मौत पर जताया दुख
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भैय्यू जी की मौत पर दुख जताया है। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।
भैय्यूजी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में लोगों के बीच जाने-जाते थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी 2011 दिसंबर में, जब उन्होंने अन्ना और सरकार के बीच बातचीत की भूमिका निभाई और अन्ना का अनशन खत्म कराया। तब महाराष्ट्र के नेता और केंद्रीय मंत्री रहे विलासराव देशमुख के कहने पर भैय्यूजी मध्यस्थ बने थे।
भैय्यूजी के बारे में मशहूर है कि वो महंगी लग्जरी कारों और स्विस घड़ियों के शौकीन हैं। कुछ साल पहले उनकी पहली पत्नी का देहांत होने के बाद उन्होंने दूसरी शादी की। वो अक्सर कहते हैं, सबकी पहली जिम्मेदारी परिवार है, उसके बाद समाज।