नई दिल्ली। देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके घर भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। महाराष्ट्र के नाशिक से लखनऊ के लिए साढे़ आठ सौ लोगों को लेकर ट्रेन आज (शनिवार, 2 मई) सुबह रवाना हुई है। नासिक रोड रेलवे स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को लेकर 'श्रमिक विशेष ट्रेन' लखनऊ, उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई। कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन में फंसे यूपी के प्रवासी मजदूर 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' के जरिए नासिक से लखनऊ आ रहे हैं। वहीं नासिक, महाराष्ट्र से 347 लोगों को लेकर चली 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' आज शनिवार (2 मई) सुबह भोपाल के पास मिसरोद रेलवे स्टेशन पहुंच गई है।
भोपाल SDM ने बताया कि नाशिक से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में मध्यप्रदेश के 347 श्रमिक हैं। सुबह 5:45 पर ट्रेन पहुंची थी। ये लोग 28 जिलों से हैं, जिनकी हेल्थ स्क्रीनिंग हो चुकी है, सभी लोग मेडिकल तौर पर फिट हैं। अब उन्हें बस में रवाना किया जा रहा है। जैसे ही ये लोग अपने-अपने जिले में पहुंचेंगे उनकी फिर स्क्रीनिंग होगी, उसके बाद ये क्वारंटाइन सेंटर पर जाएंगे। भोपाल के एसडीएम ने बताया, "सभी यात्रियों को हेल्थ स्क्रीनिंग के बाद फिट घोषित कर दिया गया है। अब ये लोग अपने गांवों के लिए जाएंगे, जहां उनकी फिर से हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी।"
बता दें कि, देश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में ही दर्ज किए गए हैं। राज्य में अलग-अलग राज्यों के करीब 12 से 13 लाख प्रवासी मजदूर लॉकडाउन की वजह से फंसे थे, जिन्हें अब पूरी सुरक्षा के साथ उनके गृह जनपद तक पहुंचाया जा रहा है। ज्यादातर मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश के हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' में सवार होकर आज लगभग 1200 प्रवासी मजदूर झारखंड के हटिया के लिए रवाना होंगे। मजदूरों के आने से पहले पुलिस कर्मी रेलवे स्टेशन के बाहर सामाजिक दूरी के लिए गोल घेरे बना रहे हैं। इसके साथ ही साफ-सफाई भी की जा रही है।
6 स्पेशल ट्रेनें की गई शुरू
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से बुधवार को अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, वर्कर्स, स्टूडेंटेंस, यात्री और अन्य लोगों को अपने राज्य जाने की अनुमति दे दी गई थी। इसके बाद ही रेलवे की तरफ से यह कदम उठाया गया और स्पेशल ट्रेनें शुरू की गईं। लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे स्टूडेंट्स, प्रवासी मजदूर और अन्य लोगों के लिए 6 ट्रेनें शुरू की गई हैं। राज्य सरकारों के आग्रह पर ये ट्रेनें शुरू की गई हैं, जिनमें लिंगमपल्ली से हटिया, आलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से लखनऊ, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया शामिल हैं।
प्रवासी मजदूरों और स्टूडेंट्स आदि को अपने गृह राज्य में करना होगा आवेदन
श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों में केवल वे यात्री सफर कर पाएंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है। यानी प्रवासियों के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की एक लिस्ट तैयार की जाएगी और इसी के अनुसार इसमें लोग सफर करेंगे। प्रवासी मजदूरों और स्टूडेंट्स आदि को अपने गृह राज्य में इसके लिए आवेदन करना होगा। राज्य सरकार संबंधित राज्य में नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी और नोडल ऑफिसर जो सूची तैयार करेंगे, वही रेलवे को सौंपी जाएगी। रेलवे फिर उन सभी यात्रियों को सूचना देगा ताकि समय पर स्टेशन पर लोग पहुंच सके। जिनका लिस्ट में नाम होगा, उन्हें ही सफर करने दिया जाएगा।
यात्री को भोजन या टिकट खरीदने की नहीं है जरूरत
कोविड-19 महामारी के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देशभर में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों को श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का किराया भारतीय रेलवे राज्य सरकारों से वसूलेगा। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में के किराए की बात करें तो इसमें स्लीपर क्लास का टिकट मूल्य, 30 रुपए का सुपरफास्ट शुल्क और 20 रुपए का अतिरिक्त शुल्क (भोजन-पानी) शामिल होगा। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं, उनके खर्च का वहन राज्य सरकारें करेंगी। यात्रा के दौरान मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य किया गया है।