नई दिल्ली: 1000 करोड़ रुपए का हवाला कारोबारी और बौद्धधर्म के गुरु दलाई लामा की जासूसी करने वाला चीनी नागरिक जिसका असली नाम लुओ सांग है और चार्ली पेंग के नाम से उसने भारत में अपनी पहचान बनाई हुई थी उसके बारे में एक एक बारीक से बारीक डिटेल्स के साथ ये रिपोर्ट तैयार की गई है, जानिए चार्ली का पूरा इतिहास और उसके ठिकानों की हकीकत।
चीन से भारत मे 1000 करोड़ रुपए का हवाला कारोबार चलाने वाला चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग इस वक्त इनकम टैक्स और ईडी के शिकंजे में है, इनकम टैक्स चार्ली से लगातार पूछताछ कर रही है तो वही ईडी ने भी 1000 करोड़ रुपए के मामले में पीएमएलए का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंडिया टीवी के हाथ आज चार्ली की फर्जी शेल कंपनी और वहां से जुड़ी कई अहम जानकारियां और दस्तावेज हाथ लगे है जिससे चार्ली के इस काले धंधे का पूरा लेखा जोखा खुल जाता है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फर्जी पासपोर्ट और फर्जी आधार कार्ड के साथ चार्ली को 12 सितंबर 2018 को दिल्ली के मजनू का टीला इलाके से उसकी फॉर्च्यूनर कार के साथ गिरफ्तार किया था जब वो वजीराबाद से मजनू का टीला की तरफ आ रहा था। स्पेशल सेल ने कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की थी उसमें बताया था कि चार्ली ने इस बात को कुबूला है कि वो भारत मे फर्जी नाम चार्ली के नाम से रह रहा है जबकि उसका असली नाम लुओ सांग है और वो चायना में मकान नम्बर 54-302 Jeifang road, baixo Nanjing, Jiangsu का रहने वाला है और इंडिया में वो नेपाल के रास्ते आया था और हवाला के कारोबार में शामिल था।
स्पेशल सेल को जानकारी हाथ लगी कि गुरुग्राम के सेक्टर 54 में गोल्फ कोर्स रोड पर emmar parm spring plaza के 12वे फ्लोर पर 1205 नम्बर प्रोपर्टी पर वो अपनी एक शेल कंपनी चला रहा है जहां से वो करोड़ो रूपए इधर से उधर हवाला के जरिए करता है। इंडिया टीवी के पास उस कंपनी में अपनी कुर्सी पर बैठे हुए चार्ली की EXCLUSIVE फोटोग्राफ लगी है साथ ही चार्ली ने यहां पर SUNHARA BIRD नाम से बोर्ड लगाकर एक कंपनी खोली हुई थी जहां पर स्पेशल सेल ने और हाल ही में इनकम टैक्स ने सर्च की है।
पारम स्प्रिंग प्लाजा जिस बिल्डिंग में चार्ली ने ये शेल कंपनी खोली हुई थी जब हमने वहां के सीनियर मैनेजर पारितोष बख्शी को अप्रोच किया तो उन्होंने रिकार्ड्स चैक किए और बताया कि चार्ली यहां पर अपने स्टाफ के साथ फाइनेंस कंपनी चलाता था लेकिन यहां पर उसने कंपनी किसी और नाम से रजिस्टर्ड करा रखी थी, कागजो में चैक करके पता लगा कि 1205 नम्बर कंपनी इन्विन के नाम से रजिस्टर्ड है जबकि बैंक के लोगो ने जो फोटो दिखाई उसमे कंपनी में बोर्ड सुनहरा बर्ड का लगा हुआ है जहां चार्ली बैठा करता था। गुरुग्राम में इन्विन और OTA नाम की शेल कपनियों में चार्ली और उसका स्टाफ जिन ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया करते थे जो इंडिया टीवी के हाथ exclusive लगी है।
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चार्ली ने एक दूसरी शेल कंपनी OTA लॉजिस्टिक नाम से एमआर पारम स्प्रिंग प्लाजा के पांचवे फ्लोर पर ऑफिस नम्बर 501A में खोली हुई थी जहां पर भी आईटी और स्पेशल सेल ने रेड की थी यहां से भी हवाला का कारोबार हुआ करता था हालांकि इस साल जनवरी के एंड में कस्टम की एक रेड के बाद ऑफिस के मालिक ने ये लीज कैंसिल करके ऑफिस खाली करा लिया था। आइए अब आपको बताते है कि लुओ सांग ने किस तरह से अपने फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड बनवाए और कैसे इतने समय तक वो एजेंसियों को चखमा देने में कामयाब रहा।
स्पेशल सेल ने 12 सितंबर 2018 को जब चार्ली को मजनू का टीला इलाके से गिरफ्तार किया था जब ये जानकारी मिली थी कि चायना का रहने वाला एक शख्स एंटीनेशनल चीजो में शामिल है और वो किसी काम से अपनी फॉर्च्यूनर कर जिसका नम्बर HR26DR8341 सिल्वर कलर से आने वाला है, ट्रेप लगाकर जब इसे पकड़ा गया तो पूछताछ में और सर्च करने पर इसकी गाड़ी से इसके दो आधार कार्ड जिनका नम्बर 463463973285 है जो इसके द्वारका के एड्रेस b206 एनटीपीसी अपार्टमेंट नाम से रजिस्टर्ड है और आधार कार्ड पर नाम चार्ली पेंग लिखा हुआ है पिता का नाम dhindhora peng है। दूसरा आधार कार्ड का नंबर भी 463463973285 है लेकिन ये मकान नम्बर 20 गांव bualiang bpo मणिपुर के नाम से रजिस्टर्ड है जिसपर भी चार्ली पेंग लिखा हुआ है।
आधार कार्ड के अलावा एक पेन कार्ड जिसका नम्बर EIVPP2819E था साथ ही चार्ली का पासपोर्ट नम्बर S1291320 जो चार्ली पेंग के नाम से मणिपुर के नाम से बनवाया गया था और इसकी पत्नी vanlalrinchhani का पासपोर्ट मिजोरम से बना हुआ था। जांच में सामने आया कि इसने द्वारका के एड्रेस से भी पासपोर्ट एप्लाई किया था लेकिन वो रिजेक्ट कर दिया गया था।
अभी तक कि पूछताछ में चार्ली ने इनकम टैक्स को बताया है कि वो 1978 में चायना तिब्बत में पैदा हुआ लेकिन शुरुआत से ही उसके पिता और उसकी माँ का झगड़ा रहता था, 18 साल की उम्र में चार्ली Nanjing chaina को छोड़कर lahsa में रहने लगा और फिर साल 2009 में वो 6 तिब्बतियों के साथ नेपाल पहुचा और काठमांडू में gelug monastery में रहा और मेडिकल हर्बल का बिजनेस करने लगा जिसके बाद इसे चायना से आदेश आया और ये बस के जरिए दिल्ली मजनू का टीला की पंजाबी कलौनी पहुचा और कुछ सालों तक वहां रहा और वहां के लामाओं को 2 से 3 लाख रुपए की रिश्वत देकर दलाई लामा और उनकी टीम दिल्ली और हिमाचल में घुसने की कोशिशें करने लगा और जानकारी हासिल करने लगा, इसके बाद ये द्वारका शिफ्ट हो गया लेकिन 2018 में स्पेशल सेल ने इसे गिरफ्तार कर लिया।
बेल पर रिहा होने के बाद ये गुरुग्राम के डीएलएफ फेस 5 के पार्क प्लाजा के F194 फ्लेट में शिफ्ट हो गया लेकिन एजेंसियों की नजर इसपर पड़ी हुई थी तभी 1000 करोड़ रुपए के हवाला और 100 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट, शेल कपनियों और 40 बैंक खातों की जांच के साथ ये इनकम टैक्स के शिकंजे में कसता चला गया।
इनकम टैक्स फिलहाल इसके घर पर इससे पूछताछ कर रही है जरूरत के हिसाब से इसकी शेल कपनियों में भी इसे ले जाया जा रहा है, चार्ली की शेल कपनियों के कई को डायरेक्टरों के बारे में पता लगा जो यूपी, हरियाणा के अलग अलग जगहों के रहने वाले मजदूर टाइप लोग है जिनका नाम इसने डायरेक्टर के तौर पर दिया हुआ है इन लोगो से भी इनकम टैक्स सम्पर्क साद रहा है। आने वाले वक्त में कई बैंक के अधिकारी और चार्टेड एकाउंटेंट पर इनकम टैक्स शिकंजा कस सकता है।