कथित बैंक धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे मोजरबेयर कंपनी के मालिक और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को आज बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने रतुल पुरी की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी है। दिल्ली की एक अदालत ने पुरी की न्यायिक हिरासत की समय सीमा बढ़ाते हुए इसे 17 अक्तूबर कर दिया है।
विशेष अदालत की न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने व्यवसायी रतुल पुरी की न्यायिक हिरासत 17 अक्तूबर तक बढ़ा दी। इससे पहले 20 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने रतुल पुरी की हिरासत की अवधि 3 अक्टूबर तक बढ़ा दी थी। यह मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को करीब 354 करोड़ रुपये की चपत लगाने से जुड़ा हुआ है। सीबीआई ने रतुल पुरी के खिलाफ मोजरबेयर इंडिया (एमबीआईएल) मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने उनको प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।
अगस्ता वेस्टलैंड में भी बढ़ी हिरासत
इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड मामले में भी रतुल पुरी की न्यायिक हिरासत 14 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी। रतुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच के घेरे में हैं। रतुल पुरी अपनी कंपनियों के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि पुरी के स्वामित्व और संचालन वाली फर्मों से जुड़े खातों का इस्तेमाल वीआईपी हेलीकॉप्टरों के लिए अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में रिश्वत और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पैसे प्राप्त करने के लिए किया गया था।