नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया घोटाले से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की हिरासत अवधि तीन दिनों के लिए बढ़ा दी और अब वह दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने हिरासत अवधि बढ़ाने का आदेश पारित किया। इससे पहले चिदंबरम को उनकी चार दिनों की सीबीआई हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश कुहाड़ के समक्ष पेश किया गया था। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अनुसंधान जांच अधिकारी का विशेषाधिकार है और कई दस्तावेज है जिन्हें आरोपी को दिखाना है। इन सबके लिए अधिक समय दिए जाने की आवश्यकता है। इन सबके मद्देनजर आरोपी को दो सितंबर तक पुलिस रिमांड में भेजा जाता है।
सीबीआई ने हिरासत अवधि पांच दिन के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था। चिदंबरम (73) को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन उन्हें अदालत में पेश किया गया था। उसके बाद से वह सीबीआई हिरासत में हैं। 21 अगस्त की रात चिदंबरम को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनसे आठ दिन हिरासत में पूछताछ की जा चुकी है। चिदंबरम के पुत्र कार्ति भी अदालत में मौजूद थे। हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए एजेंसी ने कहा कि हरसंभव प्रयासों के बाद भी जांच उनके असहयोगात्मक रवैए के कारण पूरी नहीं हो सकी। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने कहा कि चिदंबरम से आंशिक रूप से पूछताछ की गयी है तथा उन्हें और दस्तावेज दिखाने हैं। न्यायाधीश ने सीबीआई से सवाल किया कि उसे क्यों चिदंरबम से पांच दिन और पूछताछ करने की जरूरत है। उन्होंने केस डायरी भी दिखाने को कहा।
जब एएसजी ने उनसे कहा कि काफी दस्तावेज हैं तो न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप दस्तावेजों की संख्या से अवगत थे, आपने पहली बार सिर्फ पांच दिनों की हिरासत अवधि की ही क्यों मांग की, दूसरी बार भी आपने सिर्फ पांच दिन ही मांगा। यह रूख क्यों।’’ नटराज ने जवाब दिया कि यह इस बात पर निर्भर था कि चिदंबरम सवालों के जवाब किस प्रकार देते हैं। न्यायाधीश ने केस डायरी पर गौर करने के बाद कहा कि आपने हिरासत में और पूछताछ के लिए जो आधार दिया है, वह अस्पष्ट है। अदालत ने कहा कि सीबीआई को हिरासत में पूछताछ के लिए पहली बार में ही 15 दिनों की मांग करनी चाहिए थी।
सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं हालांकि उनसे हर दिन 8-10 घंटे पूछताछ की गई। एएसजी ने कहा कि उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का आधार है। उन्होंने आगे कहा कि चिदंबरम ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष सहमति व्यक्त की थी कि अगर सीबीआई की हिरासत सोमवार तक बढ़ा दी जाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। दलीलों पर गौर करते हुए अदालत ने चिदंबरम के वकील डी कृष्णन और सीबीआई से चर्चा करने और निर्णय करने को कहा कि कितनी हिरासत अवधि की आवश्यकता है।
अप्रसन्न न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस अदालत की क्या जरूरत है?’’ कृष्णन ने कहा कि अब तक 55 घंटे पूछताछ हुई है और पैसों के लेनदेन के बारे में एक भी दस्तावेज नहीं था। उन्होंने कहा कि जांच भी उचित तरीके से नहीं हो रही है तथा तीन फाइलें चिदंबरम को 20 बार दिखाई जा चुकी हैं। उन्होंने दावा किया गया कि पैसों के लेनदेन के बारे में कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया।
चिदंबरम के वकील ने कहा कि तीन फाइलें 20 से अधिक बार दिखाई गई और हर सवाल का जवाब दिया गया है। सीबीआई ने इस दलील का विरोध किया था और कहा कि पैसे के लेनदेन का मामला इस एजेंसी के लिए नहीं है। जब अदालत ने चिदंबरम के वकील से पूछा कि क्या वह पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि कई आपत्तियां हैं। अदालत के एक विशिष्ट प्रश्न पर वकील ने कहा कि चिदंबरम को सोमवार यानी दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेजा जा सकता है।
चिदंबरम के वकील ने कहा, ‘‘चूंकि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, इसलिए मैं सोमवार तक हिरासत में रहने को तैयार हूं।’’ हालांकि, चिदंबरम ने खुद कहा कि वह पुलिस हिरासत के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें हिरासत में रखने और एक ही सवाल पूछने का कोई औचित्य नहीं है। एएसजी ने चिदंबरम के खुद बोलने पर आपत्ति जताई। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोरबाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था।