नई दिल्ली: अलीगढ़ के बीजेपी सांसद द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगाने पर सवाल खड़ा करने के बाद से विश्वविद्यालय बैकफुट पर नजर आ रहा था। लेकिन अब विश्वविद्यालय को बीजेपी के ही एक दूसरे नेता का ही समर्थन मिलता दिख रहा है। बसपा से आकर बीजेपी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस पूरे विवाद पर बोलते हुए कहा है कि जिन महापुरुषों का योगदान इस राष्ट्र के निर्माण में रहा है, यदि हम उनपर उंगली उठाते हैं तो घटिया बात है। देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का योगदान भी इस देश में था।
क्या है पूरा विवाद
भाजपा के अलीगढ़ के सांसद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से यह स्पष्ट करने को कहा है कि वहां मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है। सांसद के इस पत्र के बाद विवाद उत्पन्न हो गया है। कुलपति तारिक मंसूर को कल लिखे अपने पत्र में अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के कार्यालय की दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताई है।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने विश्वविद्यालय परिसर में संभवत : दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का आज बचाव किया और कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। प्रवक्ता ने कहा , ‘‘ जिन्ना को भी 1938 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। वह 1920 में विश्वविद्यालय कोर्ट के संस्थापक सदस्य और एक दानदाता भी थे। ’’