मुंबई: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रईस शेख ने दावा किया है कि मुंबई में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर मुस्लिम मरीजों से सर्जरी से पहले दाढ़ी कटवाकर आने को कहते हैं। शेख ने इस परंपरा को बंद करने का अनुरोध किया है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में सपा के प्रमुख नेता शेख ने निकाय आयुक्त अजय मेहता को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस परंपरा की ओर आकर्षित किया है। हालांकि, अजय मेहता ने इसे अस्वीकार्य बताया।
पत्र में उन्होंने दावा किया कि बीएमसी संचालित अस्पतालों के डॉक्टर मुस्लिम मरीजों से मामूली ऑपरेशनों से पहले भी दाढ़ी कटवाकर आने को कहते हैं। रईस शेख द्वारा उठाई गई इस मांग के समर्थन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी भी पुरजोर समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सिर्फ मुस्लिमों की ही दाढ़ी को इलाज के नाम पर काटा जाता है। किसी साधु संत और अन्य धर्मों के लोगों की दाढ़ी नहीं काटी जाती।’
बता दें कि अबू आज़मी अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं। इस मामले को उन्होंने धर्म से जोड़ते हुए डॉक्टरों को कसाई बता दिया। अबू आजमी ने कहा कि, 'ये डॉक्टर कसाई हैं। बीएमसी अस्पतालों में मुस्लिम पुरुषों की दाढ़ी जानबूझकर काटी जा रही है, जबकि प्राइवेट अस्पतालों में जब जरूरत होती है तब ही दाढ़ी काटी जाती है।'
ऐसे बयानों के बाद सपा नेताओं को घरा जाने लगा है। बीजेपी नेता और राज्य के मेडिकल शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने इस मांग को गलत और राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए, डॉक्टर के निर्णय में धर्म को नहीं लाना चाहिए।
वहीं, विपक्षी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी सपा की मांग को फिजूल करार दिया। उन्होंने कहा कि जानकारी के आभाव में नॉन इशू को इशू बनाया जा रहा है। नवाब ने सपा पर मुस्लिमों के नाम पर गलत राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
(इनपुट- भाषा)