नई दिल्ली; भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का एक वीडियो भारतीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जारी किया है। इस वीडियो में सौरभ गांगुली भारतीय रेलवे की दिल खोलकर तारीफ करते दिख रहे हैं। सौरभ क्रिकेटर्स की रेलवे में नौकरी मिलने, रलवे के विभिन्न खेलों में अच्छे प्रदर्श से अपनी बात शरू करते हैं। सौरभ बताते हैं जब उन्होंने क्रिकेट शुरू किया था तब वो पूरे देश में रेलवे से सफर करते थे। अपने भाई के बारे में सौरभ बताते हैं कि उनके बिजनसमैन भाई को रेलवे से सफर करना बहुत पसंद है। जब इस बारे में सौरभ उनसे पूछते हैं तो वो कहते हैं कि दो घंटे की फ्लाइट से भी दिल्ली जाया जा सकता है लेकिन राजधानी का रातभर का सफर जिसमें आराम से सोते हुए जाना ज्यादा सुकूनभरा लगता है। सौरभ कहतै हैं कि मैं उनसे सहमत नहीं होता क्योंकि मुझे समय बचाना पसंद है। मैं अपने रूम में सोना पसंद करता हूं हालांकि रेलवे के साथ मेरे अनुभव शानदार रहा है।
जब मैं कोलकाता से धनबाद छोटी ट्रेन से जाया करता था। हालांकि हर बार रिजर्वेशन मिल जाए जरूरी नहीं है। कई बार क्रिकेट खेलते समय जब हम जाया करते थे तो हमें रिजर्वेशन नहीं मिलता था। कई बार हम बारी-बारी से सोते थे। ऐसे ही दुर्गा पूजा के समय कई बार हमें बिना रिजर्वेशन के सफर करना पड़ता था। रास्ते में रुक-रुक कर कुछ खाने के लिेए लेना किसी पिकनिक जैसा लगता है। मैं हमेशा ट्रेन रॉबरी देखना चाहता था जैसा हम फिल्मों में देखते हैं हालांकि मैंने कभी खुद कभी ऐसा अनुभव नहीं किया और मैं इस बात को लेकर दुखी नहीं हूं। रितिक रोशन की फिल्मों में जहां पर हीरो ट्रेन के ऊपर दौड़ता दिखाई देता है हालांकि निजी जीवन में मैंने ऐस कभी अनुभव नहीं किया। भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे शानदार रेल सर्विस में से एक है। मैंने इंग्लैंड की ट्रेनें भी देखी हैं। वहां का मौसम अलग है देश अलग है। हमारी ट्रेनें भी बेहद अच्छी है।
हालांकि मैं कभी राजस्थान में चलने वाली प्लेस इन दी व्हील्स पर सफर नहीं कर पाया हूं। मैं और मेरी पत्नी हमेशा प्लान करते हैं शायद एक दिन मैं सफर कर पाऊं। ट्रेन के सफर में सबसे ज्यादा मजा दोस्तों के ग्रुप के साथ आता है। मेरी ट्रेन की पहली यात्रा कुल्लू मनाली के लिेए तब हमने पंजाब तक ट्रेन तक का सफर किया था। मैं भारतीय रेल मंत्रालय को शुक्रिया अदा करूंगा कि उन्होंने इतनी बड़ी आबादी के लिेए इस सर्विस को सुचारू रूप से चलाया क्योंकि हर आदमी फ्लाइट का खर्च वहन नहीं कर सकता।