नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्टी लिखकर कहा है कि लोकसभा में अपनी पार्टी के बहुमत का लाभ उठाते हुए महिला आरक्षण विधेयक को पारित करवाना चाहिए। यह विधेयक नौ मार्च 2010 को यूपीए के शासनकाल में राज्यसभा में पारित हो चुका है। किन्तु अभी इसको लोकसभा की मंजूरी मिलनी बाकी है।
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को इस बात का भरोसा दिलाया है कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करेगी। उन्होंने इसे महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को भेजे चिट्ठी में कहा, 'मैं आपको यह अनुरोध करने के लिए लिख रही हूं कि लोकसभा में आपके बहुमत का लाभ उठाते हुए अब महिला आरक्षण विधेयक को निचले सदन में भी पारित करवाइये। यह चिट्ठी 20 सितंबर को लिखी गई है।'
उन्होंने यह भी स्मरण कराया है कि कांग्रेस और उनके दिवंगत नेता राजीव गांधी ने संविधान संशोधन विधेयकों के जरिये पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण के लिए पहली बार प्रावधान कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में कदम उठाया था। सोनिया गांधी ने कहा कि उन विधेयकों को 1989 में विपक्ष ने पारित नहीं होने दिया। किन्तु बाद में 1993 में ये दोनों सदनों में पारित हुए।
महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष एवं सांसद सुष्मिता देव ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महिला कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने जाने वाला महिला कांग्रेस का शिष्टमंडल उन्हें वह मांग पत्र सौंपेगा जिस पर देश भर के लोगों ने हस्ताक्षर कर महिला आरक्षण की मांग की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को जल्द से जल्द महिला आरक्षण को संसद की मंजूरी दिलवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें इस अवसर का लाभ उठाते हुए इस ऐतिहासिक अनिवार्यता को पूरा करना चाहिए।
सुष्मिता देव ने कहा कि पार्टी स्तर पर महिलाओं को टिकट देने मात्र से कुछ नहीं होगा। आवश्यक है कि लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा में महिलाओं का आरक्षण मिले। उन्होंने दावा किया कि यदि महिलाओं को पहले ही आरक्षण मिल गया होता तो आज तस्वीर दूसरी ही होती।