नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को 19 दलों के विपक्षी नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी हो। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के खिलाफ एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि विपक्ष को मतभेद भुलाकर राष्ट्रहित में एक साथ आना होगा। सोनिया गांधी ने कहा कि देशहित को ध्यान में रखते हुए संसद के अंदर और बाहर विपक्षी दलों को एकजुट रहना होगा। विपक्ष की एकता अगले संसद सत्र में भी नजर आएगी। एक साथ मिलकर काम करने का कोई विकल्प नहीं है। सोनिया गांधी ने कहा कि समय आ गया है, हम सभी मजबूरियों से ऊपर उठें।
सरकार के अड़ियल रुख से मॉनसून सत्र में संसद नहीं चली- सोनिया गांधी
मोदी सरकार के कामकाज को घेरते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार के अड़ियल रुख की वजह से मॉनसून में कामकाज नहीं हुआ। बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश में मौजूदा माहौल बहुत निराशाजनक है। किसान कई महीने से विरोध कर रहे हैं, भारत के लिए दर्दनाक तस्वीर है। देश इन दिनों मंदी, कोरोना, बेरोजगारी, सीमा विवाद का सामना कर रहा है।
सरकार से मुकाबला करने के लिए आपसी मतभेद भुलाने होंगे- ममता बनर्जी
विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि संसद में विपक्षी एकता का भरोसा, लेकिन इसके बाहर बड़ी राजनीतिक लड़ाई लड़नी होगी। पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सरकार की अनिच्छा के कारण संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह बेकार चला गया। अंतिम लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव हैं, स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास करने वाली सरकार देने के लिए व्यवस्थित रूप से योजना बनानी होगी। सोनिया गांधी की वर्चुअल बैठक में किसानों का मुद्दा उठाया। ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार से मुकाबला करने के लिए आपसी मतभेद भुलाने होंगे।
जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं उन्हें साथ आना चाहिए: पवार
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शुक्रवार को बुलायी गयी विपक्षी नेताओं की डिजिटल बैठक में शिरकत करने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं उन्हें साथ आना चाहिए तथा समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करना चाहिए । उन्होंने देश की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर समान-विचारधारा के दलों की बैठक आयोजित करने की पहल की तारीफ की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘भारत में वर्तमान परिदृश्य बहुत निराशाजनक प्रतीत होता है। किसान कई महीनों से विरोध कर रहे हैं, यह भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए एक दर्दनाक तस्वीर है। आर्थिक मंदी, कोविड महामारी, बेरोजगारी, सीमा विवाद, अल्पसंख्यक समुदायों का मुद्दा आदि कई मुद्दों का राष्ट्र आज सामना कर रहा है।’’ उन्होंने लिखा कि वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों को हल करने में विफल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं; जो लोग हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बचाने के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ एक समयबद्ध कार्यक्रम को सामूहिक रूप से शुरू करने की आवश्यकता है और मैं ये सुझाव देता हूं कि इन सभी मुद्दों को एक साथ निपटने के बजाय, हमें प्राथमिकता तय कर के सामूहिक रूप से एक- एक करके इन मुद्दों को सुलझाने के लिए और अपने देश को एक अच्छा वर्तमान और भविष्य देने के लिए कार्य करना चाहिए।’’ राकांपा एवं शिवसेना समेत 19 दलों ने सोनिया गांधी द्वारा बुलायी गयी बैठक में हिस्सा लिया।