नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह अधिनियम देश की आत्मा को तार-तार कर देगा। सोनिया ने यहां अपनी पार्टी की ओर से आयोजित ‘भारत बचाओ रैली’ में यह दावा भी किया कि मोदी-शाह को संवैधानिक संस्थाओं की कोई परवाह नहीं है और उनका सिर्फ एक ही ‘ संकीर्ण एजेंडा ’ है कि लोगों को आपस में लड़ाकर अपनी विफलताओं को छिपाया जाए।
उन्होंने इस सरकार में ‘अंधेर नगरी, चौपट राजा’ का माहौल होने का दावा करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए कमर कस लें। सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘आज का माहौल ऐसा हो गया है कि जब मर्ज़ी आए, कोई धारा लगा दो, कोई धारा हटा दो, प्रदेशों का दर्ज़ा बदल दो। जब मर्ज़ी आए राष्ट्रपति शासन हटा दो। बिना बहस के कोई भी विधेयक पारित कर दो। ये संविधान-दिवस मनाने का दिखावा करते हैं, और हर रोज़ संविधान की धज्जियां उड़ाते हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘नया नागरिकता कानून बनाने की सनक भी, इन पर काफ़ी समय से सवार थी। मोदी-शाह को इस बात की कोई परवाह ही नहीं है, कि ये जो नागरिकता संशोधन कानून अभी लाये हैं, वह भारत की आत्मा को तार-तार कर देगा, जैसा कि असम और पूर्वोत्तर के प्रदेशों में हो रहा है।’’ सोनिया ने कहा, ‘‘भारत की वह आत्मा, जिसके लिए हमारे महान् राष्ट्र निर्माताओं और बाबा साहब अंबेडकर ने कठिन संघर्ष किया था। लेकिन मैं दावे के साथ कह सकती हूं, कि हमारे देश का बुनियादी स्वभाव, ऐसे भेद-भाव वाले क़दमों की इजाज़त नहीं देता है। मैं विश्वास दिलाती हूं कि जिनसे भी अन्याय होगा, कांग्रेस उन सभी के साथ खड़ी रहेगी।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मोदी-शाह सरकार को न संसद की चिंता है, आप तो सब जानते हैं और रोज ही देखते हैं, संसद की चिंता नहीं है, न संवैधानिक संस्थाओं की परवाह है। मोदी शाह का सिर्फ एक ही लक्ष्य है, अपनी राजनीति की परवाह है। उनका एक ही संकीर्ण एजेंडा है, लोगों को लड़वाओ और असली मुद्दों को छुपाओ।’’
उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आज युवा जिस तरह की बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं वो दशकों से नहीं है। युवा रोजगार की तलाश में भटकर रहे हैं नौकरियां जा रही हैं। उनके सामने अंधेरा-अंधेरा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब मैं आज अपने अन्नदाताओं की दशा देखती हूं कि मुझे तकलीफ होती है। उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। उन्हें खेती के लिए सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। हमारे कामगार दिन रात मजदूरी में लगे रहते हैं। फिर उन्हें रोटी ठीक नहीं मिल रही है। छोटे व्यापार मोदी सरकार की नीतियों के कारण तबाह हो गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात का एहसास है कि मेरी प्यारी बहनों को अपने परिवार को पालने के लिए कितना त्याग करना पड़ता है, रात-दिन मेहनत करती हैं, अपना पेट काट कर परिवार पालती हैं। आज रोज-मर्रा की चीजों की कीमत सीमा से बाहर होने की वजह से उनकी नींद तक हराम हो गयी है। यही नहीं, उनके ऊपर जिस तरह की बर्बरता और जु़ल्म आज हो रहे हैं, उसे देखकर हमारा दिल टूट सा रहा है, हमारा सिर शर्म से झुक जाता है।’’ सोनिया ने सवाल किया, ‘‘अपनी माता-बहनों और बच्चियों की इस हालत के खिलाफ, हम संघर्ष करने के लिए तैयार हैं या नहीं?’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘आज तो ‘अंधेर नगरी-चौपट राजा’ जैसा माहौल है। पूरा देश पूछ रहा है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ कहां है? अर्थ-व्यवस्था इस तरह क्यों तबाह हो गई? रोज़गार कहां चले गए हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप ही बताइए कि इस बात की जांच होनी चाहिए या नहीं कि जिस काले धन को बाहर लाने के लिए नोटबंदी की थी, वह काला धन बाहर क्यों नहीं आया? वह कालाधन किसके पास है? इस बात की जांच होनी चाहिए या नहीं कि आधी रात को धूमधाम से जो जीएसटी लागू की थी, उसके बाद मोदी सरकार का खज़ाना खाली क्यों हो गया?’’
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘इस बात की जांच होनी चाहिए या नहीं कि आरबीआई की जेब काटकर, जो लाखों करोड़ रुपए मोदी-सरकार ने लिए, वे कहां गए? आप ही बताइए कि इस बात की जांच होनी चाहिए या नहीं कि हमारी नव-रत्न कम्पनियां क्यों बेची जा रही हैं और किन्हें बेची जा रही हैं?’’ सोनिया ने कहा, ‘‘दूसरी तरफ जनता का पैसा बैंकों तक में सुरक्षित नहीं है। आम आदमी खुद का पैसा न घर में रख सकता है और न बैंक से निकाल सकता है। इसको मोदी-शाह कहते हैं, यही हैं अच्छे दिन?’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नाइंसाफी सहना सबसे बड़ा अपराध है। इसलिए मोदी-शाह सरकार को अपनी आवाज बुलंद करके बताइए कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम कोई भी क़ुर्बानी देने के लिए तैयार हैं, कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जनता के हकों की रक्षा के लिए, कांग्रेस ने, सिर्फ कांग्रेस ने हमेशा लड़ाई लड़ी है। आज भी कांग्रेस पार्टी पीछे हटने वाले नहीं हैं। अपनी अंतिम सांस तक हम देश, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे।’’