नई दिल्ली। सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी के अंदर फूट साफ तौर पर देखने को मिली। पार्टी 2 गुटों में बंटी हुई नजर आई, एक धड़ा गांधी परिवार के साथ दिखा तो दूसरा गांधी परिवार से अलग। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान जब वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद बोल रहे थे और सोनिया गांधी को लिखे पत्र को लेकर अपनी सफाई पेश कर रहे थे तो अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें बीच में ही टोक दिया और कहा कि ऐसी बात का बचाव कर रहे हैं जिसका बचाव संभव ही नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ने जब गुलाम नबी आजाद को टोका तो सोनिया गांधी को बीच बचाव में आना पड़ा और उन्होंने अधीर रंजन चौधरी को अपनी बारी आने तक बीच में नहीं बोलने के लिए कहा। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान राहुल गांधी ने भी कहा था कि कांग्रेस नेताओं ने जो पत्र लिखा था वह उनकी मां का अपमान है।
गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेताओँ ने कुछ दिन पहले कई कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कहा था जो पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत कर सके। इस चिट्ठी के बाद पार्टी में बवाल मचा हुआ था और सोमवार को हुई CWC की बैठक में यह चिट्ठी ही सबसे बड़ा मुद्दा रहा।
बीच में खबर ये भी आई कि राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के बारे में यहां तक कह दिया कि वे भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं जिसके बाद कपिल सिब्बल ने भड़कते गए और ट्वीट करते हुए राहुल गांधी पर ही निशाना साध दिया। हालांकि इसके बाद खबर आई कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ हीं कहा था और बाद में कपिल सिब्बल ने भी एक और ट्वीट करते हुए कहा कि खुद राहुल गांधी ने उन्हें फोन पर बताया कि ऐसा कुछ नहीं कहा था इसलिए वे पुराना ट्वीट वापस लेते हैं।
सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक लगभग 7 घंटे तक चली और बैठक में CWC के 22 सदस्यों, 15 परमानेंट इवाइटी और 11 स्पेशल इनवाइटी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने बैठक में अध्यक्ष पद से त्यागपत्र का प्रस्ताव दिया जिसे CWC ने मानने से इनकार कर दिया। सोनिया गांधी अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अगले चुनाव तक अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी।