नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा समय में सत्ता में बैठे लोगों की भाषा भले ही आधुनिक लगती है, लेकिन वे भारत को पीछे की ओर ले जाने के प्रयास में हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार के पाखंड को बेनकाब करना होगा और बहुलवादी भारत के लिए सबको मिलकर लड़ना होगा। वह जवाहलाल नेहरू स्मृति व्याख्यान में बोल रही थीं। सोनिया ने कहा, ‘‘पंडित नेहरू के योगदान को नकाराना आज के समय में फैशन बन गया है। ऐसे समय में उस ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ पर जोर देना ज्यादा अहम है जिसके लिए पंडित नेहरू ने अपना जीवन समर्पित किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब लोकतंत्र और बहुलवादी सामाजिक तानेबाने को हल्के में लिया जा रहा है तो नेहरू और उनके समय की दूसरे हस्तियों के बड़े योगदान को भूलना आसान हो गया है। लेकिन इन लोगों ने जिन चुनौतियों, कड़े सवालों का सामना किया और राष्ट्र निर्माण की जिस परियोजना को उन्होंने अमलीजामा पहनाया उसे भूलना आसान नहीं है। यह उनके अथक परिश्रम का परिणाम है कि आज भारत इस मुकाम तक पहुंचा।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘नेहरू ने जिन हालात में भारत का नेतृत्व किया उनमें कई दूसरे देश एकता एवं विकास के नाम पर लोकतंत्र के दमन की तरफ बढ़ गए और वहां पर तानाशाही निजामों का उदय हो गया। तमाम चुनौतियों का सामना करने के बावजूद नेहरू ने उस लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपना विश्वास रखा जो सभी नागरिकों के साथ समानता का व्यवहार करती है।’’
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने लोकतंत्र को सुदृढ़ करते हुए अपनी ऐसी छाप छोड़ी जो अमिट है और हम सभी को जिस पर गर्व है। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक संस्थाओं का निर्माण, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी अर्थव्यवस्था और गुटनिरपेक्ष विदेश नीति नेहरूवाद के चार स्तंभ रहे। यह भारत के उनके नजरिए के अभिन्न भाग थे।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आज उनके उसी दृष्टिकोण पर बुनियादी तौर पर हमला किया जा रहा है, लेकिन यह उस भारत के मूल में बरकरार हैं जिसके लिए हमें लड़ाई जारी रखनी होगी।’’
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा, ‘‘यह निराशाजनक है कि आज सत्ता में बैठे लोग इस सच्चाई से मुंह फेर रहे हैं। उनमें इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए क्षमता, नजरिए और बुद्धिमत्ता का अभाव है।’’
उन्होंने दावा किया,‘‘मौजूदा शासकों द्वारा आज हम पर ताकत का इस्तेमाल करके यह फरमान सुनाया जाता है कि हमें क्या करना है या क्या सोचना है। एकता का इनका विचार एकरूपता है। वे विविधिता का अपमान करते हैं और इससे डरते भी हैं। इन लोगों की भाषाएं भले ही आधुनिक हों, लेकिन वो भारत को पीछे की ओर ले जाने के प्रयास में हैं। क्योंकि उन्होंने भारत की तकदीर बनाने में कोई बलिदान नहीं दिया है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमें इस पाखंड को दूर करना होगा और इसके पीछे के अंधकार को बेनकाब करना होगा। हमें एकजुट होना होगा और छह साल से चल रहे इस अन्याय एवं कुप्रबंधन के खिलाफ बोलना होगा। हमें करोड़ों भाइयों-बहनों के लिए यह करना होगा।’’