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बढ़ रही है असहिष्णुता, समाज पर थोपे जा रहे हैं अवैज्ञानिक विचार: सोनिया गांधी

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आज हम बढ़ती असहिष्णुता, हिंसा का माहौल देख रहे हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : October 31, 2019 21:28 IST
Sonia Gandhi
Image Source : PTI Congress President Sonia Gandhi 

नई दिल्ली। नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौजूदा समय में एक तरफ असहिष्णुता और हिंसा बढ़ रही है तो दूसरी तरफ समाज पर झूठ और अवैज्ञानिक विचार थोपे जा रहे हैं। वह ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’ समारोह में बोल रही थीं। इस बार का पुरस्कार पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट को प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए, हालांकि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा मौजूद नहीं थे। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ये दोनों नेता संभवत: दिल्ली से बाहर हैं इसलिए कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन सके।

सोनिया ने इस पुरस्कार समारोह में कहा, ‘‘राष्ट्रीय एकता इंदिरा जी का एक जुनून था। मौजूदा सरकार के उलट उन्होंने एकता का मतलब एकरूपता नहीं माना। उन्होंने देश की विविधता की पैरवी की। वह भारत की विभिन्न संस्कृतियों वाली विविधता को लेकर संवेदनशील थीं। उन्होंने विविधताओं वाले विचारों को समाहित करने का काम किया।’’

उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘आज हम देख रहे हैं असहिष्णुता बढ़ रही है, हिंसा बढ़ रही है। इतिहास को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है और समाज पर झूठ एवं अवैज्ञानिक विचार थोपे जा रहे हैं।’’ सोनिया ने कहा कि यह सब हमारे देश की उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रितक बुनियादों के विपरीत है।

सोनिया ने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी ने इस बात को स्वीकार्यता दी कि आर्थिक विकास और सामाजिक नीतियों के बिना भारत विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता। राष्ट्रीय एकता का उनका नजरिया व्यापक, वंचितों की मदद करने और यह सुनिश्चित करने का था कि भारतीय समाज को कोई समुदाय जाति या वर्ग के आधार पर अलग-थलग नहीं कर सकता।’’

उन्होंने चंडी प्रसाद भट्ट के कार्यों की तारीफ की और कहा कि उन्होंने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत सारे लोगों को प्रेरित किया है। मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘हमारा देश आधुनिक भारत के निर्माण में इंदिरा गांधी के योगदान और राष्ट्रीय एकता के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान को सदियों तक याद रखेगा। इंदिरा जी हमारे शीर्ष नेताओं में से एक के तौर पर याद की जाती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इंदिरा गांधी पुरस्कार इंदिरा जी को श्रद्धांजलि है। यह पुरस्कार पाने वालों के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है। यह बहुत उचित है कि इस साल का पुरस्कार चंडी प्रसाद भट्ट को दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि चंडी प्रसाद का जीवन गांधीवादी सोच की मिसाल है। भट्ट को सम्मानित करके हम गांधी के दर्शन और शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर जोर दे रहे हैं।

गौरतलब है कि देश की एकता एवं अखंडता के लिए योगदान देने वाली हस्तियों एवं संस्थाओं को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार दिया जाता है। अतीत में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (मरणोपरांत), पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रख्यात वैज्ञानिक सतीश धवन सहित कई हस्तियों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। ‘चिपको आंदोलन’ से जुड़े रहे 85 वर्षीय गांधीवादी पर्यावरणविद भट्ट को इससे पहले पद्म भूषण, रैमन मैगसायसाय और गांधी शांति पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान भी मिल चुके हैं।

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