नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश के सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय छात्र संसद के 10वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए नकवी ने कहा, ‘‘ हमारे संविधान में जहां संसद, विधानमंडल की शक्ति एवं विशेषाधिकार को अनुच्छेद 105 स्पष्ट करते हैं, वहीँ इससे पहले अनुच्छेद 51 ए मूल कर्तव्यों का उल्लेख करते हैं। भारतीय संविधान ने मूल कर्तव्यों के प्रति भी जिम्मेदारी तय की है।’’
नकवी ने कहा, ‘‘ जिस तरह से मौलिक अधिकारों के सम्बन्ध में हम जागरूक रहते हैं उसी तरह से मूल कर्तव्यों के प्रति भी हमें जिम्मेदारी समझनी होगी।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्यों के निर्वहन पर आधारित हैं, क्योंकि अधिकार और कर्तव्य दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकते। नागरिकों द्वारा राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जीवन, समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से संबंधित मौलिक अधिकारों को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है और जन प्रतिनिधियों सहित नागरिकों को राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को गंभीरता से लेने की जरुरत है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है और यह बहुसंख्यकों के संस्कार-सोच के संकल्प का नतीजा है एवं अनेकता में एकता" के मजबूत ताने-बाने का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश के सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता और संविधान के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं और सियासत की सेज सजाने की साजिश में लगे हैं। नकवी ने कहा कि हमारा संवैधानिक संघीय ढांचा सामाजिक सौहार्द और "अनेकता में एकता" की गारंटी है।