श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनकी बहन ने सोमवार को मुलाकात की। कश्मीर में उमर की नजरबंदी का आज 29वां दिन था जब उनके किसी रिश्तेदार ने उनसे मुलाकात की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी और बताया कि कुछ नजरबंद नेताओं को अब इसकी इजाजत दी जा रही है कि उनके परिवार के सदस्य उनसे मिल सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि उमर की बहन सफिया ने अपने भाई से पांच अगस्त से दूसरी बार मुलाकात की। पांच अगस्त को ही जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया गया था। उमर के पिता एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला भी नजरबंद हैं। अधिकारियों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला की नजदीकी रिश्तेदार सुरैया मट्टू ने भी उनसे मुलाकात की।
अधिकारियों ने कहा कि ऐसे में जब विभिन्न नेता अभी भी नजरबंद हैं जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ ही अन्य नेताओं को इसकी इजाजत दी गई है कि उनके रिश्तेदार जेल नियमों के तहत उनसे संक्षिप्त मुलाकात कर सकते हैं।
जम्मू कश्मीर के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे फारुक अब्दुल्ला को उनके गुपकर रोड आवास में नजरबंद किया गया है जबकि उनके पुत्र उमर को मुश्किल से 500 मीटर दूर एक सरकारी गेस्टहाउस हरि निवास में नजरबंद किया गया है। महबूबा को राज्यपाल निवास राजभवन के पास चश्मेशाही के पास नजरबंद किया गया है। 28 अगस्त को पीडीपी प्रमुख महबूबा की मां और बहन ने उनसे मुलाकात की थी।
अधिकारियों ने कहा कि गत सप्ताह के दौरान इन नेताओं में से कुछ के रिश्तेदारों को इनसे दो बार मुलाकात करने दिया गया है। यह मुलाकात करीब 15 मिनट के लिए रही। मुलाकातों के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। महबूबा की पुत्री इल्तिजा ने कहा कि उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं कि मुलाकातें कैसी रहीं। उन्होंने सवाल किया,‘‘मेरी नानी और आंटी को मेरी मां से तब मिलने दिया गया जब मैंने मीडिया से बात करने का निर्णय किया। उन परिवारों का क्या जिनके सदस्यों को आगरा जेल में बंद किया गया है? उन्हें जवाब कौन देगा? क्या उन्हें जानने का अधिकार नहीं है?’’
पांच अगस्त से सरकार ने 140 व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में स्थानांतरित किया है। इनमें अधिकार कार्यकर्ता, पथराव करने वाले और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हैं। इल्तिजा ने फोन पर पीटीआई से कहा कि करीब एक महीने से उनके राज्य के 80 लाख लोगों को दंडित किया गया है। उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि वह इस समय कहां हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘‘अभूतपूर्व और दमनकारी पाबंदी’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि पूर्व मुख्मंत्रियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों से इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है तो कोई भी उन पार्टी कार्यकर्ताओं की स्थिति के बारे में सोचकर कांप उठेगा जिन्होंने अपने जीवन की कीमत पर यह सुनिश्चित किया कि घाटी में लोकतंत्र अंकुरित हो।’’