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NRC की अंतिम सूची में कुछ त्रुटियां, सरकार को इन्हें दूर कर आगे बढ़ना चाहिए: RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोमवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में “कुछ त्रुटियां” हैं और आगे बढ़ने से पहले सरकार को उन्हें दूर करना चाहिए। 

Reported by: Bhasha
Published : September 09, 2019 16:32 IST
Mohan Bhagwat
Image Source : TWITTER (FILE) NRC की अंतिम सूची में कुछ त्रुटियां, सरकार को इन्हें दूर कर आगे बढ़ना चाहिए: RSS

पुष्कर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सोमवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम सूची में “कुछ त्रुटियां” हैं और आगे बढ़ने से पहले सरकार को उन्हें दूर करना चाहिए। संघ ने हालांकि इस पूरी कवायद को स्वागत योग्य कदम बताया।

सूत्रों ने कहा कि संघ की वार्षिक समन्वय बैठक के पहले दिन शनिवार को इस बात पर चिंता जताई गई कि असम में प्रकाशित अंतिम एनआरसी सूची में कई वास्तविक नागरिक छूट गए हैं, जिनमें से अधिकतर का दावा है कि वे हिंदू हैं। भाजपा के महासचिव और पूर्वोत्तर के सात राज्यों के प्रभारी राम माधव ने असम में हुई एनआरसी की कवायद और उसकी अंतिम सूची के बारे में बैठक में जानकारी दी।

संघ की समन्वय बैठक के अंतिम दिन यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने एनआरसी को “एक जटिल मुद्दा” करार दिया क्योंकि कई बांग्लादेशी प्रवासियों के नाम मतदाता सूची में शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश के 35 से 40 लाख अवैध प्रवासी असम में बसे हैं और पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा उन्हें वैध दस्तावेज जारी किये गए, जिससे यह पूरा मुद्दा बेहद जटिल हो गया।’’

उन्होंने कहा कि बैठक में एनआरसी पर चर्चा हुई। सरकार को आगे बढ़ने से पहले एनआरसी सूची में सुधार करने का सुझाव देते हुए होसबोले ने कहा, “एनआरसी की अंतिम सूची कानून नहीं है, इसमें कुछ त्रुटियां और गलतियां हैं, सरकार को उन्हें हटाकर आगे बढ़ना चाहिए।”

हालांकि, उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार की एनआरसी की पूरी कवायद के लिये तारीफ की और कहा कि सत्ता में आने का बाद तय समय में उन्हें यह काम पूरा करना था। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, एनआरसी मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई और कई वास्तविक नागरिकों को इस सूची में जगह नहीं मिलने पर चिंता जताई गई, खासतौर पर उनके लिये जो पड़ोसी राज्यों से आकर असम में बसे थे।

उन्होंने कहा कि संघ नेताओं ने इस बात पर भी चिंता जताई कि सूची से बाहर हुए 19 लाख लोगों में से अधिकतर हिंदू हैं। भाजपा ने अद्यतन एनआरसी सूची की आलोचना की थी और कहा था कि अगर भारतीय नागरिकों की अपीलों पर विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विपरीत फैसला सुनाया जाता है तो सरकार उनके हितों की रक्षा के लिये कानून लाएगी। असम में 31 अगस्त को प्रकाशित अंतिम एनआरसी सूची में 19 लाख लोगों को जगह नहीं मिली थी।

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