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सोहराबुद्दीन केस में बरी अफसर ने कोर्ट से कहा- मैं दाऊद से लड़ा, CBI ने मुझे फंसाया था

सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ कांड में बरी किए जा चुके गुजरात के IPS अधिकारी राजकुमार पांडियन ने शनिवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में बताया कि...

Reported by: Bhasha
Published on: February 24, 2018 20:31 IST
Bombay High Court | PTI Photo- India TV Hindi
Bombay High Court | PTI Photo

मुंबई: सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ कांड में बरी किए जा चुके गुजरात के IPS अधिकारी राजकुमार पांडियन ने शनिवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में बताया कि CBI ने उन्हें फंसाया था। हाई कोर्ट में पांडियन को बरी करने के विशेष CBI अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है। पांडियन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल का रिकॉर्ड शानदार रहा है और वह ‘प्रमुख’ अधिकारी थे जिन्होंने खुफिया ब्यूरो (IB) में अपने कार्यकाल के दौरान भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से मुकाबला किया था।

जेठमलानी ने आरोप लगाया कि 2010 में गुजरात CID से मुठभेड़ की जांच का जिम्मा लेने वाली CBI ने मनगढ़ंत सबूतों के आधार पर पांडियन को फंसाया था। पांडियन के वकील ने आज दलील दी, ‘मेरे (पांडियन के) पास यह साबित करने के लिए अकाट्य दस्तावेजी साक्ष्य हैं कि कथित अपहरण के दिन मैं हैदराबाद में नहीं था।’ CBI के मुताबिक, आतंकवादियों से कथित रिश्ता रखने वाले गैंग्स्टर सोहराबुद्दीन, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति को गुजरात पुलिस ने 22-23 नवंबर 2005 की रात उस वक्त अगवा किया था जब वे एक निजी बस में हैदराबाद से सांगली जा रहे थे। गुजरात पुलिस ने नवंबर 2005 में कथित फर्जी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन और कौसर बी को मार गिराया था जबकि दिसंबर 2006 में गुजरात एवं राजस्थान की पुलिस ने एक अन्य कथित फर्जी मुठभेड़ में प्रजापति को मार गिराया था।

जेठमलानी ने कहा, ‘23 नवंबर 2005 को मैंने हैदराबाद से अहमदाबाद की उड़ान ली थी। बहरहाल, CBI का दावा है कि मैं कभी उस उड़ान में सवार नहीं हुआ और मामले पर पर्दा डालने के लिए अपने टिकट पर कॉन्स्टेबल अजय परमार को अहमदाबाद भेज दिया।’ उन्होंने कहा कि वह एयर इंडिया की अंतर्राष्ट्रीय उड़ान थी जिसमें हर यात्री के पहचान-पत्र की जांच की गई होगी। दो फर्जी मुठभेड़ों में शामिल होने के आरोप में CBI ने 38 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। लेकिन वरिष्ठ IPS अधिकारी डी जी वंजारा, पांडियन, दिनेश एम एन एवं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित 15 आरोपियों को मुंबई की विशेष CBI अदालत ने बरी कर दिया है। बाकी आरोपियों पर विशेष अदालत मुकदमा चला रही है। 5 पुलिस अधिकारियों को आरोप-मुक्त करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिस पर अदालत रोजाना सुनवाई कर रही है।

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