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एस. एन. श्रीवास्तव बन सकते हैं दिल्ली पुलिस कमिश्नर, दंगों पर काबू पाने का मिला था जिम्मा

दिल्ली कमिश्नर की कुर्सी के लिए दौड़ में सबसे आगे श्रीवास्तव ही खड़े नजर आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्र भी फिलहाल श्रीवास्तव को ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाए जाने को लेकर आश्वस्त हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 27, 2020 17:39 IST
Delhi Police's Special CP (Law & Order) SN Srivastava
Delhi Police's Special CP (Law & Order) SN Srivastava

नई दिल्ली: यह तय माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस में कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाल रहे अमूल्य पटनायक 29 फरवरी को कुर्सी खाली कर देंगे। उन्हें केंद्रीय हुकूमत ने दिल्ली विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपटवाने के लिए एक माह का सेवा-विस्तार दिया था, जोकि 29 फरवरी 2020 को पूरा हो रहा है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अमूल्य पटनायक के बाद कौन? गृह मंत्रालय ने इसका जवाब गुपचुप तरीके से दे भी दिया है।

इस जवाब को समझने वाले समझ गए और जिनकी समझ में नहीं आया, वे अब भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तमाम संभावित नामों को लेकर माथा-पच्ची कर रहे हैं।

कई साल से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में विशेष निदेशक (प्रशिक्षण) पद पर तैनात एस. एन. श्रीवास्तव (आईपीएस, सच्चिदानंद श्रीवास्तव, 1985 बैच अग्मूटी कैडर) मंगलवार को मूल कैडर (दिल्ली पुलिस) में रातों-रात वापस बुला लिए गए। दिल्ली में श्रीवास्तव को तब अचानक बुलाया गया, जब उत्तर पूर्वी दिल्ली का जाफरबाद, सीलमपुर, चांद बाग, भजनपुरा, करावल नगर, खजूरी खास, कर्दमपुरी, बाबरपुर इलाके हिंसा की आग में जल रहे थे।

इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हवलदार रतन लाल और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के सुरक्षा सहायक अंकित शर्मा भीड़ द्वारा घेर कर मार दिए गए। मंगलवार को श्रीवास्तव को सीआरपीएफ से अचानक वापस लाकर विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बनाया गया और उसी दिन मोदी के विश्वासपात्र राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को शांति का संदेश देने के लिए दिल्ली की सड़कों पर खुद उतरना पड़ा।

मतलब जाफराबाद की जलन को कम करने के लिए केंद्रीय हुकूमत द्वारा एक ही रात में अजित डोभाल और एस. एन. श्रीवास्तव जैसे अनुभवी अधिकारी को दिल्ली की जनता के बीच एक साथ उतारा गया। इसके बाद हिंसा की आग में जल रहे जाफराबाद में शांति छा गई। अब यहां न फथराव है और न ही गोलीबारी। मतलब शाह और मोदी का निशाना सटीक बैठा।

ऐसे में सब कुछ साफ-साफ सामने है। जलते हुए जाफराबाद की आग जिस पुलिस अफसर (श्रीवास्तव) ने अपने कदमों की आहट से चंद घंटों में दबा-बुझा दी हो और अमूल्य पटनायक के रिटायर होने के बाद कमिश्नर की कुर्सी भी खाली हो तो इन तमाम हालातों में भला एस. एन. श्रीवास्तव जैसे बेहद सधे हुए आईपीएस को दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर बैठाने में क्या अड़चन हो सकती है।

अमूल्य पटनायक के बाद वरिष्ठता क्रम में 1985 बैच के ही अजय कश्यप भी हैं। कश्यप होमगार्ड डीजी के पद से इसी साल मार्च में रिटायर हो रहे हैं। श्रीवास्तव वाले बैच से आने वाले प्रभात सिंह भी दौड़ में हैं। मगर वे भी महानिदेशक (जांच) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अप्रैल 2020 में रिटायर हो रहे हैं। इस लिहाज से कमिश्नर की कुर्सी के लिए दौड़ में सबसे आगे श्रीवास्तव ही खड़े नजर आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्र भी फिलहाल श्रीवास्तव को ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाए जाने को लेकर आश्वस्त हैं।

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