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स्मार्टफोन की मदद से यूं हुई 12 हजार कुपोषित बच्चों की पहचान

आंगनवाड़ी में दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने की केंद्र ने जो पहल शुरू की है उसकी मदद से 6 राज्यों के 46 जिलों में गंभीर रूप से कुपोषित 12,000 बच्चों की पहचान हो सकी है...

Reported by: Bhasha
Published : November 11, 2017 14:17 IST
Representational Image | PTI Photo
Representational Image | PTI Photo

नई दिल्ली: आंगनवाड़ी में दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने की केंद्र ने जो पहल शुरू की है उसकी मदद से 6 राज्यों के 46 जिलों में गंभीर रूप से कुपोषित 12,000 बच्चों की पहचान हो सकी है। बिल गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस साल जून से 6 राज्यों के 62 हजार आंगनवाड़ी केंद्रों में स्मार्टफोन का वितरण शुरू किया था ताकि वहां दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी की जा सके।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया, ‘हमने आंगनवाड़ी कर्मियों को 50 हजार से अधिक मोबाइल फोन दिए हैं। इस फोन के माध्यम से वह हमें बच्चों के भोजन और वजन के बारे में रोज का रिपोर्ट भेज रहे थे।’ मेनका ने बताया कि अगर कोई बच्चा कमजोर है और उसका वजन कम है तो माता-पिता, आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी को सूचना भेजी जाती है। उन्होंने बताया,‘हमने अबतक 12 हजार ऐसे बच्चों की पहचान की है जिनका वजन बहुत कम है। जिला प्रशासन के साथ मिल कर हम उनकी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।’

मेनका ने बताया कि आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, झारखंड तथा राजस्थान के 47 जिलों के 39 लाख बच्चों की निगरानी की जा रही है। ये 12,000 बच्चे इन्हीं बच्चों में से हैं। इन सभी बच्चों की उम्र 6 साल से कम है। इस कार्यक्रम में 3 लाख गर्भवती महिलाओं तथा दुग्धपान करवाने वाली माताओं को भी शामिल किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्मार्टफोन हमें घर ले जाने वाले राशन के वितरण में चोरी की जांच करने में भी मदद करता है।

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